राष्ट्रीय आंतंकवाद घोषणापत्र दो अंतिम देवबंद..
षणापत्र दो अंतिम देवबंद.. घोषणापत्र के अनुसार हमारा देश नैतिक एवं धार्मिक मूल्योंं के मामले में हमेशा भेदभाव पूर्ण रवैये से अलग रहा है लेकिन हाल के वर्षो में स्थिति बहुत खराब हुयी है और मुस्लिम समुदाय के लोगों खासकर मदरसोंं से जुडे मुसलमानों को बेवजह निशाना बनया जाने लगा है 1 हजारों निर्दोष मुस्लिम युवक जेल की कोठरियों में बंद हैं 1मुसलमानों के प्रति प्रशासन का यह रवैया अत्यंत चिंताजनक है
घोषणापत्र में कहा गया है कि सरकार इस दिशा में यदि कोई ठोस कदम नहीं उठायेगी तो देश की धर्मनिरपेक्ष छवि तार तार हो जायेगी
घोषणा पत्र में यह भी मांग की गयी है कि मदसों और मुसलमानों की छवि खराब करने वालों पर शिंकजा कसा जाना चाहिये और संबंधित मामलों की भेदभाव रहित जांच करने के निर्देश जारी किये जाने चाहिये 1 दारुल उलूम ने मांग की कि किसी भी खास समुदाय किसी व्यक्ति को बिना ठोस कारणों से संदिग्ध करार नहीं दिया जाना चाहिये
घोषणापत्र में सरकारी एजेंसियोंं से यह भी अपील की गई हैं कि वे बिना किसी पूर्वग्रह और पक्षपात के अपना कर्तव्य निर्वाह करें ताकि देश में शांति और सुरक्षा का बेहतर माहौल कायम रहे
सम्मेलन में घोषणा के माध्यम से सभी बुदि्धीवियोंं लेखकों और मीडियाकर्मियों से अपील की गयी है कि वे राष्ट्रीय और अंर्तराष्ट्रीय मसलों की ईमानदारीपूर्वक समीक्षा करें और पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं अपनायें
सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित कर आतंकवाद के मुद्दे पर विभिन्न राज्यों में सम्मेलन आयोजित कराये जाने पर भी सहमति बनी 1 इस सम्मेलन में देश के विभिन्न मदरसोंं एवं संगठनोंं के प्रतिनिधियोंं ने भाग लिया
सुरेश शिव लखमी1439वार्ता...