विदेश मुशर्रफ् अमरीका दो अंतिम वाशिंगटन
श्री मुशर्रफ् ने देश में मौजूद आतंकवादी और कट्टरपंथी ताकतों का जिक्र करते हुए कहा कि अलकायदा और उसके सहयोगी संगठन पाकिस्तान की उदारवादी सरकार और बेकसूर जनता को अपना निशाना बनाते रहे हैं1पाकिस्तान इन ताकतों से हमेशा लोहा लेता रहा है
उन्होंने कहा ..हालांकि कुछ लोग आतंकवाद के खिलाफ् हमारी मुहिम पर सवाल खडे करते रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि पिछले चार वषों के दौरान अलकायदा और तालिबान जैसी ताकतों से संघर्ष में पाकिस्तान के एक हजार से भी ज्यादा सैनिक शहीद हुए हैं और एक लाख से भी ज्यादा सैनिक अफ्गानिस्तान से सटी देश की सीमाओं पर पहरा दे रहे हैं
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया को आतंकवाद से मुक्त कराने के जारी संघर्ष में ..ंहम अपने पुराने सहयोगी अमरीका का साथ हर कदम निभाएंगे...लेकिन आतंकवाद से निबटने के लिए सिर्फ् फ्ौजी कार्रवायी पर्याप्त नहीं है इरका में अमरीकी अनुभव इस बात का सबूत है लिहाजा आतंकवाद जैसी समस्या से निबटने के लिए दूरदर्शी राजनीतिक और आर्थिक नीतियों की भी जरूरत होगी
उन्होंनेंकहा कि लेकिन ये लक्ष्य हासिल करने के लिए ..हमें लगातार अमरीकी सहयोगी की जरूरत होगी ..
उन्होंने कहा मैंे इसलिए अपने अमरीकी दोस्तों को बताना चाहूंगा कि अस्थिर राजनीतिक हालात तथा लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करने पर आमादा विभिन्न कट्टरपंथी गुटों और परस्पर सघंर्षरत रहे जातीय समुदायों वाले देश पाकिस्तान में लोकतंत्र बहाली एक बेहद कठिन काम है जिसमें हमें अमरीका स ेलगातार सहयोग की अपेक्षा रहेगी उसके सहयोग के बिना यह काम असंभव है
मधूलिका.राणा 1458वार्ता
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