राज ठाकरे से सुप्रीम कोर्ट नाराज़
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति के जी बालकृष्णन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा जो स्थिति है और जो कुछ हो रहा है उसे हम समझते हैं. पीठ ने कहा कि यह एक देश है और हम धरती पुत्र का सिद्धांत स्वीकार नहीं करेंगे.
न्यायमूर्ति आर वी रविंद्रन और मार्कन्डेय काटजू पीठ के अन्य सदस्य हैं. पीठ ने हालांकि मामले से संबंधित दो अन्य जनहित याचिकाओं पर कोई आदेश देने से मना कर दिया.
पीठ ने कहा कि यह मामला मुख्यतः कानून और व्यवस्था की स्थिति से संबंधित है और इसे राज्य सरकार के ध्यान में लाया जा सकता है. पीठ के अनुसार याचिकाकर्ता बंबई उच्च न्यायालय से संपर्क कर सकते हैं.
गौरतलब है कि माहराष्ट्र में रह रहे गैर मराठियों के खिलाफ पिछले दिनों राज ठाकरे के बयान के बाद महाराष्ट्र में हिंसा फैल गई थी जिसमें एक मराठी अंबा दास सहित एक अन्य व्यक्ति लोगों की मौत हो गई थी.