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सिर पर मैला ढोने की प्रथा देश के लिये कलंक: संतोष चौधरी

By Staff
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वाराणसी 22 फरवरी.वार्ता. केन्द्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की अध्यक्ष सन्तोष चौधरी ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकारों की उदासीनता के कारण सिर पर मैला ढोने की कुप्रथा अभी भी चल रही है1 श्रीमती चौधरी ने कल देर शाम यहां पत्रकारों से कहा कि आजादीके साठ साल बाद भी भारत में सिर पर मैला ढोने की प्रथा चल रही है

केन्द्र सरकार इस प्रथा को रोकने के लिये करोडो रूपये खर्च कर चुकी है लेकिन राज्य सरकारों की उदासीनता के चलते धन का सही उपयोग नहीं हुआ

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस प्रथा को खत्म करने का लगातारप्रयास कर रही है1 ऐसे कार्य करने वालों को अन्य कामों में लगाने कीयोजना चलाई जा रही है

श्रीमती चौधरी ने कहा कि हमारे देश में अभी भी सभी घरों मेंशौचालय नहीं है इस कारण भी सिर पर मैला ढोने की प्रथा जारी है

उन्होंने कहा कि सिर पर मैला ढोने की प्रथा को खत्म करने के लियेराज्य सरकारों को केन्द्र अनुदान देता है लेकिन राज्य सरकारों की उदासीनता का आलम यह है कि केन्द्र सरकार से मिले अनुदान केउपयोग का प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता

श्रीमती चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के जिलों में यह प्रथा सबसेज्यादा है1 सफाई के बदले कर्मचारियों को पारिश्रमिक के रूप में 10 से15 रूपये प्रतिमाह या दस किलो अनाज दिया जाता है1 उन्होंने कहा किराज्य में 31 दिसम्बर 2007 तक इस प्रथा को पूरी तरह समाप्त करने कीतिथि निर्धारित की गयी थी1 सरकार ने इसे बढाकर 31 मार्च 2009 करदिया है1 सरकार ने राज्य में 16 लाख शौचालय बनान के लिये 28 करोड तीस लाख रूपये दिये थे लेकिन अभी तक मात्र एक लाख ही बन पाये

उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में सफाई कर्मचारियों की स्थितिकाफी दयनीय है1 ठेके पर सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति का केन्द्रीय सफाई कर्मचारी आयोग विरोध करता है

जिया.जितेन्द्र.शिवरमेश132

वार्ता

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