चेन्नई में छठ पूजा करें लालूः बाल ठाकरे
मुंबई, 21 फरवरीः मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बाद अब एक बार फिर शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने बिहारियों के खिलाफ मोर्चा संभाला है. पार्टी के मुखपत्र सामना में पर प्रांतीयों को फिर से निशाना बनाया गया है जिससे महाराष्ट्रीय बनाम बाहरी विवाद फिर गर्मा गया है.
अपने संपादकीय में ठाकरे ने कहा है कि “बाहर वाले" हमेशा से ही मुंबई वालों के लिए मुसीबत बनते रहे हैं. उन्होंने दूसरे प्रदेशों से मुंबई में आपराधिक तत्वों के प्रवेश करने का भी आरोप लगाया. तमिलनाडु के स्कूलों में तमिल भाषा अनिवार्य बनाए जाने पर रेल मंत्री और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चेन्नई में मरीना बीच पर छठ पूजा कर इसका विरोध करने की चुनौती दी है.
इससे पहले उत्तर भारतीयों के खिलाफ राज ठाकरे के भड़काऊ बयानों पर एतराज जताते हुए लालू यादन ने कहा था कि वह मुंबई में जाकर छठ पूजा करेंगे. संपादकीय में ठाकरे ने कहा है कि, ' लालू ने बिहार को नर्क में बदल दिया है. उत्तर भारतीयों की हिमायत के लिए उन्हें केंद्र में अपने सहयोगी डीएमके के राज्य तमिलनाडु में बिहारियों का मेला आयोजित करना चाहिए.
कांग्रेस द्वारा बृहनमुंबई नगर निगम (बीएमसी) के लिए हिंदी को प्रशासनिक भाषा बनाए जाने की मांग के जवाब में यह संपादकीय लिखा गया है. मालूम हो कि बीएमसी पर काबिज शिवसेना ऐसा किए जाने के खिलाफ है. ठाकरे ने कहा कि बीएमसी की भाषा हमेशा ही मराठी रहेगी और जो नेता इसे हिंदी करने की मांग कर रहे हैं उन्हें जेल में डाल देना चाहिए.
इसके साथ ही ठाकरे ने मुंबई में हो रहे अनियंत्रित निर्माणों को भी आलोचना की है. उन्होंने लिखा कि इसके चलते स्थानीय लोगों के लिए घर खरीदना नामुमकिन हो गया है. अपने लेख में मुख्यमंत्री पर भी निशाना साधते हुए ठाकरे ने लिखा कि विलासराव देशमुख को बाहरी लोगों को अपने घर में जगह दे देनी चाहिए.
ठाकरे ने हिंदी को सरकारी भाषा बनाने की मांग करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने और उन्हें सलाखों के पीछे डालने की मांग भी की है. मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के उस बयान पर कि मुंबई के दरवाजे सबके लिए खुले हुए हैं, ठाकरे ने कहा, ' भूमिपुत्रों की कीमत पर मुंबई का आपराधिक और आर्थिक शोषण हो रहा है.