किसानों और पुलिस के बीच फायरिंग
पुलिस अधक्षीक के.के. सिप्पल ने बताया कि किसान नेता को एक दिन के धरने की अनुमति दी गयी थी लेकिन उन्होंने इसे बेमियादी बना दिया तथा प्रशासन और जिला पंचायत अध्यक्ष से बात करने से भी इन्कार किया.
उन्होंने कहा कि किसानों ने पुलिस पर गोलियां चलायी तथा कचहरी परिसर की दीवार को तोड़ दिया. उग्र भीड़ को भगाने के लिये पुलिस ने पानी की बौछार की तथा आंसू गैस के गोले दागे. भीड़ जब नहीं हटी तो पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ी.
उन्होंने कहा कि लगता है कि किसानों की भीड़ में कुछ असामाजिक तत्व भी घुस आये थे जिसने पुलिस पर फायरिंग की पुलिस की फायरिंग में धरनास्थल पर जमा किसान भाग गये हैं.
उन्होंने कहा कि पुलिस पर फायरिंग करने वालों की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है. किसान नेता ने गिरफ्तारी से पहले कहा कि राज्य और केन्द्र सरकार का ध्यान बुन्देलखण्ड की समस्याओं पर तो है जबकि बुन्देलखण्ड की तरह दोआबा में भी किसान भुखमरी की कगार पर हैं.
उन्होंने कहा कि यहां विद्युत, सिंचाई जैसी ज्वलंत समस्यायें खडी हैं. इन्हीं समस्याओं को लेकर हजारों किसान धरने पर बैठे हैं. उन्होंने प्रशासन पर ज्यादती का आरोप लगाया है.