बाल अपराधियों के प्रति अधिक संवेदनशीलता हो
नयी दिल्ली 17 फरवरी.वार्ता. राष्ट्रीय बाल अपराध संरक्षण आयोग ने देश में बाल अपराधियों की दशा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सरकार. पुलिस तथा न्यायपालिका से बच्चों के संरक्षण तथा कल्याण के प्रति अधिक संवेदनशीलता बरते जाने का आग्रह किया है
आयोग की अध्यक्ष शांता सिन्हा ने आज यहां आयोग तथा इन निकायों के साथ पहले राष्ट्रीय विचार विमर्श में कहा कि देश के विभिन्न न्यायालयों में लगभग 5000 कथित बाल अपराधियों पर लगभग एक दशक से अधिक समय से मुकदमें चल रहे है जो कि सभी के लिये एक बडी चुनौती है1 उन्होंने कहा कि इन बच्चों के लिये सबसे बडी जरत इन्हें शिक्षा दिये जाने अथवा शिक्षा जारी रखने देने की है साथ ही जरत है इन बच्चों को शोषण से बचाया जाये1 उन्होंने कहा कि इन तमाम मसलों पर गौर करने के लिये आयोग ने पिछले दिनों विशेषग्यों की एक निष्पक्ष समिति भी बनायी है
विचार विमर्श में हिस्सा लेते हुये आयोग की सदस्य दीपा दीक्षित ने बताया कि राष्ट्रीय अध्ययन से पता चला है कि लगभग आधे बाल सुधार गृहों में उन्हें सलाह मशविरा दिये जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी तथा बाल गृहों के अस्सी प्रतिशत संचालक ऐसे बच्चों को संभालने के लिये विशेष प से प्रशिक्षित ही नहीं थे
शोभना सत्या संजीव जगबीर1546वार्ता