धम ईट के समान हैं्... अविमुक्तेश्वरानंद
वाराणसी 16 फरवरी. वार्ता. दुनिया के सभी धर्म इट के समान हैं अगर इन्हें आपस में जोड दिया जायें तो मंदिर.. मस्जिद एंव गुरूद्वारा बन जायेगा लेकिन अगर आपस में टकरा दिया जाये तो चकनाचूर हो जायेगें
द्वारिका पीठ के श्ंाकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती के उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने आज सारनाथ में धर्म संस्कृति संगम द्वारा आयोजित दो दिवसीय बौद्ध महासम्मेलन के पहले दिन कहा कि जिस तरह से ईटों को जोडने का काम सीमेंट करता हैं उसी प्रकार संत महात्मा समाज को जोडने का काम करते हैं1 उन्होंनें कहा कि सभी धमो के संत महात्मा एक दूसरे के करीब आयें और बैठ कर बात करें तो सभी समस्या का समाधान निकल सकता है 1 उन्होने कहा कि अगर देश के सामने कोई समस्या आती है सब एक हो जाते हैं
उन्होने कहा कि इसका जीता जागता उदाहरण महाराष्ट्र में हो रही घटनाये हैं जो राष्ट्र के लिये एक सदमा है1 उन्होने कहा कि सबसे दुख की बात तो यह है कि हमारे राजनेता किसी समस्या का समाधान ढूंढने के बजाय उसको दबाये रहते है1 उन्होने कहा कि जब संचार के साधन इतने विकसित नहीं थें तो हर राज्या का मुख्यमंत्री अपने राज्य का सघन दौरा करता था और समस्यायों से रूबरू होता था लेकिन आज उसे इसके लियेे फुरसत नहीं है
उन्होंनें कहा कि धर्म संस्कृति संगम ने आज दो विपरीत/ध्रुवों बौद्धों एंव शंकराचार्य के अनुयाइयों/को एक मंच पर ला दिया है उन्होने कहा कि परिस्थितयों के कारण आज वह सह अस्तित्व का जीवन जीने को तैयार हो चुके हैं1 इस अवसर पर तिब्बतियों के धर्मगुरू दलाई लामा एंव प्रो सामदोंग रिनपोछें का संदेश महासम्मेलन में भाग ले रहे प्रतिभागियों को सुनाया गया1महासम्मेलन में आज एक प्रस्ताव पारित कर उत्तर प्रदेश एंव केन्द्र सरकार से सारनाथ को अन्तर्राष्ट्रीय तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग की गयी
जिया.अमित लखमी1753वर्मा1727वार्ता.