बि्रटेन में हर तीसरा दंपत्ति नपुंसक होंगे
लंदन.वार्ता. बि्रटिश वैज्ञानिकों को इस बात की चिंता सता रही है कि अगर वातावरण में मौजूद रसायनों पर लगाम नहीं लगायी गयी तो अगले दस वर्षों में हर तीसरे दम्पति को संतान सुख पाने के लिये कृत्रिम गर्भाधान तकनीकों का सहारा लेना पड सकता है
बि्रटिश मेडिकल जर्नल में हालिया प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट के अनुसार बि्रटेन में बच्चे को जन्म देने में असमर्थ दम्पतियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है जिसकी वजह से इन विट्रो फर्टिलाइजेशन .आईवीएफ. जैसी तकनीकों का इस्तेमाल बडी तेजी से बढ रहा है1 आईवीएफ तकनीक में टेस्ट ट्यूब में कृत्रिम तरीके से गर्भाधान कराने के बाद भ्रूण को महिला के गर्भ में स्थापित कर दिया जाता है1 शोधकर्ताओं के अनुसार बि्रटिश पुरूषों के शुक्राणुओं और महिलाओं के अंडाणुओं की संख्या में लगातार कमी आती जा रही है जिसके लिए वातावरण में मौजूद खतरनाक रसायन जैसे कई कारक जिम्मेदार हैं1 उन्होंने बताया कि इस समस्या के चलते आज के दौर में जन्म लेने वाला हरेक 20वां बच्चा प्रयोगशालाओं की कोशिशों के चलते ही इस दुनिया में कदम रख पा रहा है
विशेषज्ञो के अनुसार नपुसंकता या बांपन के क्षेत्र में और शोध किये जाने की जरूरत है ताकि उन कारको का पता लगाया जा सके जिससे पुरूषो के शुक्राणओं और महिलाओं के अंडाणुओं में लगातार कमी आ रही है
देवेन्द्र.विनोद.प्रभु 1438जारी वार्ता