साहित्यिक रचनाओं पर व्यवसायिकता का हावी होना चिन्तनीय.केसरी
रायपुर .16 फरवरी.वार्ता.उत्तरप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ साहित्यकार केसरीनाथ त्रिपाठी ने साहित्यिक रचनाओं परव्यवसायिकता के हावी होने पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है
श्री त्रिपाठी ने आज यहां शुरू हुये दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय लघुकथासम्मेलन का शुभारंभ करते हुये कहा कि..साहित्यिक रचनाओंमें व्यवसायिकता के हावी होने से लेखक जरूर समृद्ध हो सकता है परन्तुऐसी रचना से पाठकों के अन्दर प्रतिक्रिया नहीं हो सकती..1उन्होंनेकहा कि व्यवसायिकता को छोडकर सस्ता एवं सुरूचिपूर्ण साहित्य कीरचना होनी चाहिये तभी हिन्दी का भला होगा और लोग इनके प्रतिआकर्षति होंगे1 उन्होंने कहा कि विश्वमंच पर अभी भी हिन्दी को उनकी हैसियतके अनुरूप स्थान नहीं मिल सका है पर हिन्दी साहित्य का महत्व विश्वसाहित्य के बीच समा जाने लगा है1हिन्दी की लघुकथायें.उपन्यास.कहानी ने विश्व साहित्य जगत को अपनी आेर आकर्षति किया है1श्रीत्रिपाठी ने प्रवासी भारतीयों द्वारा हिन्दी के विकास के लिये साहित्यिक क्षेत्र में किये जा रहे योगदान की सराहना की1 उल्लेखनीय है कि इस दो दिवसीय सम्मेलन में अमरीका.न्यूजीलैंड.नेपाल.शारजाह के अलावा विभिन्न राज्यों के दो सौ से अधिक साहित्यकार हिस्सा ले रहे हैं1इस सम्मेलन में लघु कथा पर अन्तर्राष्ट्रीयस्तर पर विमर्श.लघुकथा पाठ.प्रदर्शनी.कृति विमोचन के साथ ही देश एवंविदेश के साहित्यकारों को सृजन सम्मान प्रदान क र सम्मानित किया जायेगा
वरिष्ठ लेखक कमल गोयनका ने कहा कि समाज के अन्दर एवं बाहरविघटनकारी शक्तियां सिर उठा रही है एैसी स्थिति में साहित्यकारों कादायित्व काफी बढ गया है1इनसे आगाह करने का कार्य लघुकथाओं केमाध्यम से बेहतर ढंग से हो सकता है1उन्होंने संस्कृति पर टेलीविजन परप्रसारित हो रहे धारावाहिकों के जरिये हो रहे हमले का जिक्र किया एवंकहा कि पश्चिमी देशों की संस्कृति हावी हो रही है
श्री त्रिपाठी को उदघाटन सत्र में ही पंडित राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला कीस्मृति में स्थापित समग्र व्यक्तित्व सम्मान से सम्मानित किया गया
साहू.मुकेश.अमित नंद1805 वार्ता.
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