मनोज तिवारी के घर मनसे का हमला
इसके अलावा कांग्रेस नेता संजय निपम, समाजवादी पार्टी नेता और सांसद अबू आसिम आजमी के शोरूम पर भी हमले किये गये. इस बीच नासिक में उत्तर भारतीयों के खिलाफ मनसे कार्यकर्ताओं की हिसा जारी है. पुलिस ने मनसे प्रवक्ता शिशिर शिंदे, विधायक बाला नांदगांवकर, निपम समेत 35 लोगों को हिरासत में लिया.
पुलिस के अनुसार कुछ मनसे कार्यकर्ताओं ने तिवारी के अंधेरी के चार बंगला इलाके में स्थित बंगले में घुसने की कोशिश की. जब तिवारी के स्टाफ ने दरवाजा नहीं खोला तो पथराव किया और खिड़कियों के कांच तोड़ डाले. हमले के समय तिवारी के परिजन उनके लोखंडवाला वाले फ्लैट में थे.
सुबह मनसे कार्यकर्ताओं ने निपम के कार्यालय पर पथराव किया. निपम ने राज ठाकरे के आवास के बाहर धरना देने की घोषणा की थी. दोपहर में मनसे कार्यकर्ताओ ने सपा नेता आजमी के बांद्रा स्थित शोरूम "सिटीवाक" पर पथराव किया और नारेबाजी की. पुलिस ने आजमी के व्यावसायिक स्थलों और आवास की सुरक्षा बढ़ा दी और राज ठाकरे के आवास के आसपास का इलाका खाली करा दिया.
पुलिस ने शिंदे को सुबह उनके पूर्वी उपनगर भांडुप स्थित आवास से हिरासत में लिया और भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन ले गये. निपम को तब हिरासत में लिया गया जब वह राज के आवास के बाहर धरना देने जा रहे थे. नांदगांवकर को भी सुबह ही हिरासत में लिया गया. नासिक में भी छिटपुट हिंसा की खबरें हैं.
विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, बुद्धिजीवियों ने मनसे के उत्तर भारतीय विरोधी अभियान की कड़ी निंदा की है और राकांपा के एक कार्यकर्ता ने अदालत में एक याचिका आज दाखिल की है, लेकिन शवसेना नेतृत्व इसे लेकर मौन है. पार्टी के यहां से छपने वाले मराठी मुखपत्र "सामना" में कल तो इस बारे में प्रथम पृष्ठ पर प्रमुखता से खबर आयी थी पर उसके आज के संस्करण में इस पूरे घटनाक्रम को भीतर के पृष्ठ पर चंन्द लाईनों में निपटा दिया गया.
शिवसेना अध्यक्ष बाल ठाकरे 12 पृष्ठों के इस दैनिक के प्रधान सम्पादक हैं और लोगों के बीच यह कयास लग रहे थे कि वह अथवा उनके पुत्र एवं पार्टी कार्याध्यक्ष इन घटनाओं पर आज अपने अखबार में पार्टी का रूख स्पष्ट करेगे. बाल ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे पहले शिवसेना में ही थे और उन्होंने अपने चचेरे भाई और पार्टी कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे से गम्भीर मतभेद के कारण पार्टी छोड़ने के कई माह बाद वर्ष 2006 के अन्त में अपनी पार्टी का गठन किया था.
उधर अखिल भारतीय सचेतक सम्मेलन में आये लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने परप्रांतीयों के खिलाफ मनसे के अभियान को असंवैधानिक ठहराते हुए कहा कि यदि इस तरह के अभियान चलते रहे तो भारत में क्या बचेगा. चटर्जी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कोलकाता में आधा लोग गैर बंगाली है.
आप किसे और कहां फेंकना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हर जगह भूमि संतान होते हैं.पर उनका कहना था कि भारतीय संविधान के तहत उसके नागरिकों को देश में कहीं भी गुजर बसर करने का अधिकार है.
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नितिन गडकरी ने आरोप लगाया कि राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार मुम्बई में उत्तर भारतीयों के खिलाफ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अभियान से उत्पन्न स्थिति को सम्भालने में विफल रही.
गडकरी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख को स्थिति की समीक्षा के लिए तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. उन्होंने कहा कि स्थिति पर नियंत्रण के लिए सरकार के उठाए जानेवाले कदमों की जो भी योजना इस सम्मेलन में बनती है. उ
नकी पार्टी उसका समर्थन करेगी. उनका कहना था कि यहां की मौजूदा स्थिति का मूल कारण महानगर की चरमराती बुनियादी ढ़ांचा है. मुम्बई की स्थिति बिगाड़ने के आरोप में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे तथा समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी के खिलाफ कार्रवाई की मांग के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता ने कहा कि हम इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते हैं, लेकिन जो भी कानून अपने हाथ में लेता है उसके खिलाफ समुचित कार्रवाई की जानी चाहिए.