किडनी चोरी के तार नेपाल तक पहुंचे
पहले इन्हें एक लाख रूपये तक का लालच दिया जाता है बाद में किडनी निकालने के बाद इन्हें औने पौने दाम देकर चलता कर दिया जाता है. निजगढ के मिलन तमांग ने बताया कि उसने भी पैसे के लालच में किडनी बेची थी लेकिन किडनी तस्करों ने उसे एक लाख की जगह मात्र 25 हजार रूपये दिये.
तमांग ने बताया कि पिछले नवंबर में कुछ लोग उसे चेन्नई के एक अस्पताल में ले गये थे और जब उसे मात्र 25 हजार रूपये दिये गये तो उसने खुद को ठगा हुआ महसूस किया. इस इलाके के पुलिस अधीक्षक उमा प्रसाद चतुर्वेदी ने बताया कि आमतौर पर किडनी तस्कर दो तरीके अपनाते है.
पहले ये मजदूरों को पैसे का लालच देते है अगर इससे बात नहीं बनी तो व्यक्ति को बेहोश कर उसकी किडनी निकाल दी जाती है. बाद में इस व्यक्ति को बताया जाता है कि अगर उसका आपरेशन नहीं किया जाता तो उसकी जान भी जा सकती थी.
चतुर्वेदी का कहना है कि नेपाल में किडनी तस्करों का गिरोह पिछले सात साल से ज्यादा सक्रिय है. इनके संबंध भारत में किडनी तस्करों से भी है.