सुरक्षा के खतरे पैदा होंगे तो निपट लेंगे
एडमिरल मेहता ने कहा कि बेशक सेतु समुद्रम परियोजना से कुछ सुरक्षा संबंधी चिंताएं जुडी हैं, लेकिन इनसे निपटा जा सकता है. उन्होंने कहा कि खतरों से निपटने के लिए ही तो नौसेना और तटरक्षक बल है. खतरे हैं और उन्हें दूर रखने के लिए हम हैं. कोई परियोजना अच्छी हो तो सुरक्षा चिंताओं के कारण हम तो हाथ खडे नहीं कर सकते.
एडमिरल मेहता ने कहा कि तटरक्षक बल के महानिदेशक वायस एडमिरल रूसी कांट्रैक्टर ने भी तो यह नहीं कहा कि खतरे हैं. तो उनसे वह निपट नहीं सकते. उन्होंने तो सिर्फ इससे जुडी सुरक्षा चिंताओं का ही जिक्र किया है.
वायस एडमिरल कांट्रैक्टर ने कल यह कहकर सेतु परियोजना को नया मोड दे दिया था. कि इस के कारण सुरक्षा संबंधी कई खतरे देश के सामने आ सकते हैं. उनका कहना था कि यह परियोजना श्रीलंका की सीमा के एकदम नजदीक है. जो लिट्टे विद्रोहियों से लोहा ले रहा है.
उन्होंने संकरे मार्ग की ओर इशारा करते हुए तस्करी समेत विभिन्न तरह के समुद्री अपराधों की घटनाओं की ओर भी इशारा किया था, लेकिन नौसेना प्रमुख ने कहा कि सेतु समुद्रम बहुत अच्छी और व्यावहारिक परियोजना है जिससे पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच का फासला लगभग खत्म हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने पर 30 हजार टन तक के पोत श्रीलंका और भारत के बीच के जलडमरू मध्य से गुजर सकेंगे और इससे नौसेना को भी काफी लाभ होगा. सिर्फ टैंकर पोत या विमानवाही पोत ही वहां से नहीं निकल पाएंगे.
श्रीलंका में लिट्टे विद्रोहियों से पैदा होने वाले खतरे के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि यह खतरा तो बिना परियोजना बने आज भी है और उससे निपटने की तैयारी भी हमारी है. उन्होंने इन आशंकाओं को भी खारिज किया कि नहर बनने से यातायात की समस्या पैदा हो जाएगी.