कानून को बदलती जरूरतों के अनुसार ढलना चाहिए..प्रतिभा
बेंगलूर 01 फर वरी वार्ता. राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने आज कहा कि कानूनों को नियमों के इर्द गिर्द स्थिर रहने के बजाय बदलती जरूरतों के अनुसार ढलना चाहिए जिससे ये निहित उद्देश्यों का बेहतर तरीके से पालन कर सके1 श्रीमती पाटिल ने यहां बेंगलूर मीडिएशन सेंटर की पहली वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह में कहा कि कानून का उद्देश्य समुदाय की बदलती जरूरतों को पूरा करना है इसलिए न्यायिक व्यवस्था. न्याय देने और सामाजिक जरूरतों के बीच सामंजस्य की जरूरत बनी रहती है1 राष्ट्रपति ने कहा कि कई कारणों से न्यायिक प्रक्रिया में फैसले आने में बहुत देर हो जाती है इसलिए कई बार यह कहा जाता है कि लोग अपने बच्चों के लिए विरासत में मुकदमे छोड जाते हैं1 उन्होंने कहा कि ऐसे में मुकदमों को सुलाने में मध्यस्थता का महत्व बढ जाता है और यदि देखा जाए तो दुनिया की सभी सभ्यताओं में मध्यस्थता का लंबा और व्यापक इतिहास रहा है1 उन्होंने कहा कि गांवों में पंचायत व्यवस्था इसका अच्छा उदाहरण है और यह विवादों का समाधान जल्द और सस्ते में करने का अच्छा साधन है इसलिए इस अवधारणा को स्कूल. कालेज. और कार्यस्थलों पर बढावा दिया जाना चाहिए1 संजीव.जितेन्द्र.रमेश2229वार्ता