राज ठाकरे को गिरफ्तार किया जाएः पासवान

By Staff
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Ram vilas paswan
नई दिल्ली, 2 फरवरीः लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने महाराष्ट्र सरकार से छठ पर्व के बारे में दिये गये बयान पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे को गिरफ्तार करने की मांग की है.

पासवान ने आज यहां संवाददताओं से बातचीत में कहा कि राज ठाकरे का यह बयान देश की एकता एवं अखंडता के लिये खतरा है. उन्होंने मांग की कि महाराष्ट्र सरकार इस पर उन्हें गिरफ्तार करें और उन पर मुकदमा चलाया जाये.

पासवान ने आरोप लगाया कि चाहे बाल ठाकरे हों, उद्धव ठाकरे हों या राज ठाकरे हों इस ठाकरे परिवार की राजनीति ही लोगों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रही है. वे मराठियों तथा गैर मराठियों के बीच दुराव पैदा करते रहे हैं. शिवसेना जैसी पार्टियां देश को तोड़ने के प्रयास करने वाली पार्टियां हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राज ठाकरे ने गत 30 जनवरी को मुंबई में कहा था कि छठ पर्व एक नाटक है और इसके बहाने बिहार के लोग मुंबई में अपना प्रभुत्व जमाना चाहते हैं. पासवान ने कहा कि विभिन्न पर्व त्यौहार देश के लोगों की आस्था से जुडे हैं.

उन्होंने सवाल किया कि यदि कोई मराठी परिवार दिल्ली में रहता है तो क्या वह गणेश चतुर्थी नहीं मनायेगा. देश में सभी अपनी आस्था के अनुरुप त्यौहार मनाते हैं. उन्होंने कहा कि राज ठाकरे का बयान पूरी तरह निंदनीय है और कुछ दूसरे दलों ने भी इसकी निंदा की है.

यह पूछे जाने पर कि केन्द्र सरकार निजी क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था क्यों नहीं कर रही है. पासवान ने कहा कि इस बारे में मंत्रियों का एक समूह विचार कर रहा है जिसमें वह भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि मंत्री समूह की आखिरी बैठक नौ मार्च को होनी है और उसके बाद कोई फैसला हो जायेगा.

मायावती सरकार द्वारा 18 हजार पुलिसकर्मियों तथा बडी संख्या में उर्दू शिक्षकों को हटाये जाने की आलोचना करते हुये उन्होंने कहा लोजपा इन्हें बहाल करने समेत अपनी 16 सूत्री मांगों के समर्थन में उत्तर प्रदेश के हर जिला मुख्यालय में प्रदर्शन करेगी और उसके बाद जेलभरों आंदोलन भी शुरु किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों के साथ भी राज्य में न्याय नहीं हो रहा है. छात्रसंघ चुनावों पर रोक लगाने के लिये भी उन्होंने राज्य सरकार की आलोचना की. पासवान ने कहा कि कांग्रेस के कार्यो की सराहना करने पर तो मायावती ने अधिकारियों के खिलाफ आचार संहिता के तहत कार्रवाई की है लेकिन क्या आचार संहिता तब लागू नहीं होती जब उनके जन्म दिन पर उनके पांव छुए जाते है और उन्हें मुकुट पहनाये जाते हैं. एजीपी सुरक्षा की मुख्यमंत्री की मांग पर कटाक्ष करते हुये उन्होंने कहा कि जो मुख्यमंत्री अपने राज्य में ही सुरक्षित नहीं है वह जनता की सुरक्षा कैसे करेगा.

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