भाजपा के अधिवेशन में चमकेंगे आडवाणी
नयी दिल्ली, 27 जनवरीः भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के कल से यहां शुरू हो रहे अधिवेशन को लालकृष्ण आडवाणीमय बनाने और उसमे खासतौर से रामसेतु के मुद्दे पर केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को कटघरे में खडा करके अगले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने की रणनीति तय की जाएगी.
दो दिन चलने वाले राष्ट्रीय परिषद के अधिवेशन का एजेंडा तय करने के लिये आज यहां पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया. उन्होंने कार्यकर्ताओं से आडवाणी को प्रधानमंत्री बनाने के लिये जी जान से जुट जाने का आह्वान किया.
सिंह की इस अपील से साफ हो गया है कि राजधानी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में भाजपा के विजय संकल्प के लिये हो रहे इस अधिवेशन के हर सत्र में आडवाणी को वाजपेयी के उत्तराधिकारी के रूप में स्थापित करने की कवायद की जाएगी. वाजपेयी इस अधिवेशन में हिस्सा नही लेंगे. यही नहीं जिस तरह से राजग ने प्रधानमंत्री पद के लिये श्री आडवाणी के नाम पर अपनी मुहर लगाई है उसके बाद अब सबकी निगाहें श्री आडवाणी पर टिकी हैं कि वह किस तरह से अगले लोकसभा चुनाव में राजग की जीत तय करने के लिये अपनी रणनीति का एलान करेंगे. यह पहला मौका होगा जब प्रधानमंत्री के उम्मीदवार की हैसियत से श्री आडवाणी परिषद का मार्ग दर्शन करेंगे. अभी तक वाजपेयी इस दायित्व का निर्वाह कर रहे थे.
भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने बताया कि परिषद के अधिवेशन में खासतौर से रामसेतु के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार ने उच्चतम न्यायालय में रामसेतु पर अभी तक संशोधित हलफनामा पेश नहीं किया है और वह जानबूकर मामले को टाल रही है.
उल्लेखनीय है कि भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी रामसेतु के बारे में परिषद के समक्ष विस्तृत रिपोर्ट रखेंगे. यह पहला मौका होगा जब परिषद इस बारे में चर्चा करेगी.