अर्थ. पीएचडी. आर्थिक वृद्धि दो अंतिम नयी दिल्ली..
ृद्धि दो अंतिम नयी दिल्ली.. डा. मल्होत्रा ने दिसंबर 2007 में पीएचडी मंडल के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला है1 उन्होंने कृष िक्षेत्र के विकास के लिये खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मजबूत बनाने का सुाव देते हुए कहा कि किसानों को उनकी उपज के लिये अच्छे खरीदार मिलने चाहिये1 खरीदारों के अभाव और विपणन ढांचा नहीं होने की वजह से 40 प्रतिशत तक फल एवं सब्जियां और दूसरी कृषि उपज बेकार चली जाती है1 उन्होंने कृष िप्रसंस्करण क्षेत्र के लिये तीन स्तरीय रणनीति अपनाने की सलाह दी1 इसमें .भूमि हदबंदी कानून को उदार बनाना. ठेके पर खेती को प्रोत्साहन देना और सहकारी कानून में उचित फेरबदल करना शामिल है
पीएचडी मंडल के महासचिव कृष्ण कालरा ने कहा कि कई परियोजनाओं पर काम समय से पीछे चल रहा है1 इससे अरबों पये की लागत बढ गई है1 उन्होंने कहा कि बिजली. सडक. सिंचाई सुविधा और खेती के क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं पर काम तेजी से आगे बढाने की जरत है1 इससे रोजगार के लाखों अवसरों के साथ ढंाचागत सुविधायें भी खडी होंगी1 उन्होंने रोजगार के लिहाज से महत्वपूर्ण लघु एवं मौले उद्योगों पर भी गौर किये जाने पर जोर दिया1 उन्होंने कहा कि इन उद्योगों की सुविधा के लिये उत्तर एवं मध्य भारत के सभी राज्यों में साा आर्थिकी होनी चाहिये
बडे औद्योगिक घराने के खुदरा क्षेत्र में उतरने और फुटकर व्यापारियों द्वारा कुछ राज्यों में उनके विरोध पर उतरने के बारे में पूछे जाने पर पीएचडी अध्यक्ष ने कहा कि यह विरोध अस्थाई है1 उन्होंने कहा कि बडी कंपनियों की रिटेल चेन में उपभोक्ता को सभी जगह एक दाम पर सामान उपलब्ध होगा जबकि फुटकर में ऐसा नहीं है1 छोटे कस्बों में और महानगरों में उनके दाम में काफी अंतर होता है1 सीमेंट उद्योग द्वारा लगातार दाम बढाने पर उन्होंने कहा कि सरकार को सीमेंट का आयात खोल देना चाहिये1 उर्वरक सब्सिडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर श्री कालरा ने कहा कि ये मुद्दे राजनीतिक प से काफी संवेदनशील है इसलिये इस दिशा में सोच समकर आगे बढने की जरत है
महाबीर सत्या जगबीर1646वार्ता