भारत ने किया इजरायली उपग्रह का प्रक्षेपण

By Staff
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Madhavan Nair चेन्नई, 22 जनवरीः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आगामी वर्षों में कम से कम 80 उपग्रह प्रक्षेपित करने का कार्यक्रम निर्धारित किया है और भारत के चंद्रमा मिशन " चंद्रयान" को इस वर्ष के अंत तक प्रक्षेपित कर दिया जायेगा.

इसरो के अध्यक्ष जी माधवन नायर ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से इजरायली उपग्रह पोलारिस के सफल प्रक्षेपण के बाद पत्रकारों से बताया कि इसरो आगामी पांच वर्ष में 80 उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है जबकि गत पांच वर्षों में मात्र 32 उपग्रह प्रक्षेपित किया गया है.

नायर ने चंद्रयान के प्रक्षेपण को लेकर बनी अनिश्चितता के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस वर्ष के अंत तक इसे अवश्य प्रक्षेपित किया जायेगा. उन्होंने बताया कि चंद्रयान को अप्रैल के प्रक्षेपित करने की तैयारी की जा रही थी लेकिन व्यस्त कार्यक्रम के कारण इसमें देरी हो रही है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि इस वर्ष के अंत तक इस मिशन को अवश्य पूरा किया जायेगा. उन्होंने कहा कि फरवरी मध्य तक हम इसके लिये पूरी तरह तैयार हो जायेंगे. सभी उपकरण मिल चुके हैं. हम मिशन के कार्यक्रम को तय करने की तैयारी कर शुरू करेंगे. नायर ने कहा कि व्यस्त कार्यक्रम बहुत बड़ी चुनौती है और हम इसका सामना करने की तैयारी कर रहे हैं.

नायर ने इजरायल के प्रक्षेपित उपग्रह पोलारिस के " खूफिया उपग्रह" होने की जानकारी से इंकार किया और इसका प्रक्षेपण नहीं करने के लिये अमरीका द्वारा दबाव बनाये जाने का खंडन किया. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से सुबह सवा नौ बजे इस उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के बाद नायर ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.

मैंने उपग्रह को सिर्फ बाहर से देखा है. किसी दबाव के कारण इसके प्रक्षेपण में देरी होने से इंकार करते हुये उन्होंने कहा कि कुछ सवाल उठने पर कई तकनीकी जानकारियों पर विस्तृत चर्चा करनी पड़ी. समय पर पूरी तैयारी कर ली गई थी लेकिन मानसून आ जाने तथा इस महीने के प्रारंभ में भी भारी बारिश होने की वजह से इसे समय पर प्रक्षेपित नहीं किया जा सका था.

उन्होंने कहा कि अनुबंध के अनुसार इजरायली अधिकारियों ने इस संबंध में कुछ भी नहीं बताया है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर खाड़ी के किसी देश या किसी अन्य का कोई दबाव नहीं था. उन्होंने कहा कि जहां तक उनको जानकारी है इस प्रक्षेपण के पीछे सैन्य उद्देश्य नहीं है. नायर ने कहा कि इस उपग्रह में बादलों के बीच से रडार द्वारा मैंपिग करने की तकनीक है. यह अनुठा उपकरण है.

उन्होंने कहा कि अनुबंध के तहत यह उपग्रह पीएसएलवी से मात्र एक उपकरण के रूप में भेजा गया है. उसे प्रक्षेपित कर दिया गया है और उससे प्राप्त होने वाले डाटा से हमको अवगत नहीं कराया जायेगा. नायर ने बताया कि इजरायली भू केन्द्र को उपग्रह से संकेत मिलने लगे हैं और उपग्रह ठीक है. उन्होंने बताया कि इसरो की व्यावसायिक शाखा अंतरिक्ष ने रूस सहित विश्व की कई प्रमुख एजेंसियों की स्पर्धा के बीच इस अनुबंध को प्राप्त किया था.

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