माकपा की सोच अलोकतांति्रक .रविशांकर
नयी दिल्ली.21 जनवरी. वार्ता. माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी. माकपा. द्वारा अपने को दुशमन नम्बर एक बताये जाने पर भारतीय जनता पार्टी .भाजपा. ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि उसकी यह मानसिकता स्वस्थ लोकतांति्रक परम्परा के लिये पूरी तरह से अलोकतांति्रक. अप्रांसगिक तथा अवांछित है1 भाजपा प्रवकता रविशंकर प्रसाद ने आज यहां नियमित प्रैस ब्रीफिंगमें कहा कि उनकी पार्टी माकपा के 19 वें अधिवेशन में जारी दस्तावेजकी घोर निन्दा करती है1 उन्होंने कहा कि संपूर्ण दस्तावेज अति निम्न स्तरीय राजनीतिक अंहकार को दर्शाता है जबकि वास्तविकता यह है कि देश ने वाम दलों को निर्णायक रुप से हाशिए पर डाल दिया है और उनका राजनीतिक अस्तित्व सिर्फ पश्चिम बंगाल. केरल तथा ति्रपुरातक ही सीमित है1 यह घोर आश्चर्यजनक है कि माकपा बडी घृष्ठता से भाजपा को दुश्मन नम्बर एक मानती है1 माकपा यह भूल चुकी हैकि विश्व के सबसे बडे कार्यशील लोकतंत्र में भाजपा दो प्रमुख दलों मेंसे एक है और इसकी छह राज्यों में अपनी तथा तीन अन्य राज्यों में गठबंधन की सरकार है1 उन्होंने कहा कि भाजपा इस अवधारणा को पूरी तरह से खारिज करती है कि राजनीतिक विरोधी . दुश्मन. सरीखे हैं तथा श्री प्रकाशकरात तथा बचे खुचे वामपंथियों की जमात को याद दिलाना चाहती है कि यह मानसिकता स्वस्थ लोकतांति्रक परंपरा के लिये पूरी तरह से अलोकतांति्रक अप्रासंगिक व अवांछित है
उन्होंने कहा कि यह ध्यान दिलाना वाकई जरुरी है कि स्वतंत्रताप्राप्ति से श्री करात के राजनीतिक पुरखे भी देश की राष्ट्रवादी तथा लोकतांति्रक शक्तियों के खिलाफ इसी तरह विष वमन करते रहे हैं
समय समय पर वाम मोर्चा का नेतृत्व कांग्रेस पार्टी के खिलाफ निरंकुश तथा स्टालिनवादी बयान जारी करता रहा है और 1970 में जयप्रकाशको फासिस्ट कहा था 1 जनता ने इसीलिये उनके अलोकतांति्रक बयानों को हमेशा पूरी तरह से खारिज किया1 फिर भी वाम मोर्चा नेतृत्व अपने अतीत से चिपका रहा तथा लोगों की इच्छाओं के साथ तालमेल बैठानेमें पूरी तरह से विफल रहा 1 यही कारण है कि वाममोर्चा भारतीय राजनीति के हाशिए पर है और वे कभी भी तीन राज्यों से आगे नहीं बढसके1 यही नहीं राष्ट्र्रीय स्तर परउनकामत प्रतिशत कभी भी दो अंकों तक नहीं पहुंच सका
निगम. इंद्र.राणा 1940जारी.वार्ता