राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समितियों का गठन नहीं ..सोमावत
जयपुर 21 जनवरी .वार्ता. राजस्थान सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाजवूद अब तक जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समितियों का गठन नहीं किया है1न्यायालय ने माधुरी पाटील प्रकरण में राज्य एवं जिला स्तर पर इस तरह की समितियां गठित करने का निर्णय सुनाया था
राष्ट्रीय अनुसूचित जन जाति आयोग के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. जी एस सोमावत ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि राजस्थान में बड़ी संख्या में अवैध जाति प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं1 ऐसा जाति प्रमाण पत्र के प्रारुप को नहीं सम पाने ् निवास और स्थायी निवास प्रमाण पत्र की गलत व्याख्या तथा जातियों के नाम में समानता से उत्पन्न होने वाली असमंजस की स्थिति के कारण होता है1उन्होंने बताया कि समितियों के गठन होने तक आयोग ने जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को ऐसे अवैध प्रमाण पत्रों की जांच के लिये लिखा था लेकिन इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई
डॉ.सोमावत ने कहा कि राज्य सरकार ने आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने के केन्द्र सरकार के निर्देश की भी अवहेलना की है1उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति का आरक्षण 24 मई ् 1985 को 16 से बढाकर 17 प्रतिशत कर दिया गया है 1इसी प्रकार 5 जुलाई ् 2005 से अनुसूचित जन जाति का आरक्षण 12 से बढ़ा कर 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग का 21 से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया लेकिन राज्य सरकार की आेर से इस संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई हैं
अन्य राज्यों के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति के उम्मदीवारों को राजस्थान सरकार द्वारा नियुक्ति दिये जाने को भी अवैध करार देते हुये उन्होंने कहा कि सरकार ने इस संबंध में भी अभी तक कोई्रकार्रवाई नहीं की है1उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार दूसरे राज्यों के आरक्षित वर्ग को अपने यहां नियुक्ति दे रही है ्जबकि राजस्थान के आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को अन्य राज्यों में सामान्य उम्मीदवार माना जाता हैं1उन्होंने राज्य सरकार को सलाह दी कि इस स्थिति में सुधार के लिये तुरंत कदम उठाये जायें
डॉ.सोमावत ने बताया कि राज्य सरकार पद आधारित रोस्टर के रख रखाव ् आरिक्षत वर्ग के बैंकलॉग को पूरा करने ् जिला कलेक्टर कार्यालयों में अनुसूचित जाति ् जन जाति प्रकोष्ठ के गठन एवं सभी विभागों में समन्वय अधिकारी नियुक्ति करने के मामले में भी ढिलाई बरत रही है1आरक्षित वर्ग पर होने वाली ज्यादतियों का जिक्र करते हुये डॉ. सोमावत ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो द्वारा जारी राज्यवार आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में जातीय अत्याचार के सर्वाधिक मामले पंजीकृत होते हैं
सैनी.शिव.प्रभु 2236वार्ता