रामसेतु मामले में केन्द्र हलफनामा दाखिल करे. उच्चतम न्यायालय
नयी दिल्ली. 16 जनवरी .वार्ता. उच्चतम न्यायालय ने आज केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि वह सेतुसमुद्रम परियोजना को पूरा करने के लिए तलहटी पर की जा रही गतिविधियों का पूरा विवरण देने के लिए एक विस्तृत हलफनामा दो हफ्तों में पेश करें
केन्द्र सरकार की आेर से महान्यायवादी मिलन कुमार बनर्जी ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि सरकार केवल एक हलफनामा दाखिल करेगी और यह सरकार ही तय करेगी कि उसकी आेर से कौन सी एजेंसी हलफनामा दायर करे1 याचिकाकर्ता यह निर्देश नहीं दे सकता है कि किसी खास सरकारी एजेंसी को ही हलफनामा दाखिल करना चाहिए
श्री बनर्जी पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. सुब्रमणयम स्वामी की इस याचिका पर प्रतिक्रिया कर रहे थे कि भारतीय पुरातत्व सवर्ेक्षण को इस आशय का हलफनामा पेश करना चाहिए कि क्या उसने ऐसा कोई शोध किया है कि राम सेतु मानव निर्मित संरचना है अथवा उसका निर्माण कुदरती तरीके से हुआ है और क्या वह प्राचीन स्मारक घोषति किया जा सकता है
मुख्य न्यायाधीश के. जी. बालाकृष्णन. न्यायमूर्ति आर वी रवीन्द्रन और न्यायमूर्ति जे. एम. पांचाल की खंडपीठ को यह भी बताया गया कि मन्नार की खाडी को समुद्री जैविक क्षेत्र घोषति किया जा चुका है और यहां के विशाल प्रवाल भंडार खुदाई के दौरान नष्ट हो सकते हैं
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अगर मन्नार की खाडी में तलछट साफ करने की गतिविधियां रोक दी जाए तो क्या इसका मतलब यह होगा कि पूरी परियोजना बंद कर दी गई है
उच्चतम न्यायालय पहले ही सरकार को निर्देश दे चुका है कि तलछट निकालने की प्रक्रिया के दौरान रामसेतु को किसी भी तरीके से नुकसान न पहुंचाया जाए
जितेन्द्र. समरेन्द्र नंद1605 वार्ता