'प्रेसीडेंट बुश टॉक गुड बट डूईंग बैड'
रियाद, 15 जनवरीः 'प्रेसीडेंट बुश टॉक गुड बट डूईंग बैड'यह शायद अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश की मध्यपूर्वी देशों की यात्रा पर एक सटीक टिप्पणी बन गई है, जो सऊदी अरब की एक महिला ने मीडिया के सामने की. उल्लेखनीय है कि बुश ने जहां एक तरफ मध्य एशिया के दौरे पर बढ़ते तेल मूल्यों पर चिंता जताई, वहीं सऊदी अरब पहुंचने के कुछ ही घंटों में सऊदी अरब को बड़े पैमाने पर हथियार बेचने की रज़ामंदी दे दी. बुश के इस कदम की कड़ी आलोचना हो रही है. इज़रायल ने भी इस फैसले की निंदा करते हुए आशंका जताई है कि इससे क्षेत्र में हथियारों की होड़ बढ़ेगी और शक्ति संतुलन गड़बड़ा जाएगा.
उल्लेखनीय है कि बुश कुवैत, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब की यात्रा पर आए हुए है, बुश मध्य पूर्व के अपने महत्वाकांक्षी दौरे पर पहली बार सऊदी अरब भी गए. यात्रा के अंतिम चरण में उनकी मुलाकात सऊदी अरब के शाह अब्दुल्ला से हुई.वे सऊदी अरब के लिए अरबों डॉलर के हथियार सौदे भी ले गए. इस सिलसिले में अमेरिकी सरकार ने कांग्रेस को भी अवगत करा दिया है कि सऊदी अरब को हथियार बेचे जाएंगे. जानकारों का कहना है कि दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति ईरान को इलाके के लिए एक बड़ा खतरा मानते हैं और तो और विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्ता मे नई जान पूंकने के लिए इस तरह के बडे सौदे कारगर हो सकते हैं. यही वजह है कि बुश को हथियार का बाज़ार इस तरह तलाशना पड़ रहा है.
विशेषज्ञों के मुताबिक तेल की कीमतों के बढ़ने को लेकर जताई जा रही चिंता और हथियारों के सौदे के बीच गहरे संबंध हैं. वरिष्ठ अमेरिकी प्रशासन सलाहकार एड गिलेस्पी ने बताया कि बुश ने अपने इस दौरे में खाड़ी शासकों से तेल बाजार की प्रकृति एवं मौजूदा समय में तेल बाजार की स्थिति पर चर्चा की गई. राष्ट्रपति ने सऊदी किंग अब्दुल्ला के साथ बातचीत में तेल मूल्यों का मुददा उठाया.यहां ध्यान दिला दें कि बुश की इस चिंता की बड़ी वजह यह भी है कि हाल ही में तेल के दाम सौ डॉलर प्रति बैरल तक पहुँच गए थे. इस भारी वृद्वि से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका पैदा हो गई थी.
रियाद हवाई अडडे पर एयरफोर्स वन के विशेष विमान की सीढियों से अमेरिकी राष्ट्रपति जॉज बुश उतरे तो उनका शाही अंदाज़ में स्वागत किया गया. बुश इने शाह अबदुल्लाह को अत्याधुनिक हथियारों का जखीरा बेचने की पेशकश की. समझाया के ईरान से लड़ने के लिए उन हथियारों की ज़रूरत पड़ सकती है.सौदे के तहत अमरीका सऊदी अरब को सही निशाने पर बम गिराने की तकनीक भी देने वाला है जिसकी क़ीमत क़रीब 10 करोड़ 23 लाख डॉलर है.