आईआईटी के पूर्व छात्र ने कैट मे झंडे गाड़े

By Staff
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IIM Ahmedabad बैंगलोर 9 जनवरी: मनु मिड्ढा की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. और ऐसा होना लाजिमी भी है, क्योंकि उसे सातों आईआईएम (भारतीय प्रबंधन संस्थान) से साक्षात्कार हेतु निमंत्रण मिला है. आश्चर्य की बात नहीं है कि उसे 99.95 प्रतिशतक (पर्सेन्टाइल) अंक प्राप्त हुए हैं. आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक उपाधि प्राप्त मनु वर्तमान में बैंगलोर की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत हैं.

पिछले वर्ष भी मनु ने भारतीय प्रबंधन संस्थानों में प्रवेश हेतु प्रतिष्ठित कैट (कॉमन एडमिशन टेस्ट) की परीक्षा दी थी. आईआईएम अहमदाबाद के एक भूतपूर्व छात्र के पुत्र मनु कहते हैं कि मैंने पिछले वर्ष अधिक कड़ी मेहनत की थी, लेकिन सिर्फ एक अंक कम रहने के कारण मुझे सफलता प्राप्त नहीं हुई. इस वर्ष मेरे पास अध्ययन के लिए पर्याप्त समय नहीं था क्योंकि मैं कार्यरत था. परंतु मैंने इस वर्ष रणनीति से काम लिया, पिछले वर्ष की गलतियों से सबक लिया तथा सभी विषयों में संतुलित अंक प्राप्त करने का प्रयास किया.

जैसे ही उसे मंगलवार को परीक्षाफल के बारे में पता चला, उसने तुरंत अपनी मां को वाराणसी फोन पर यह खबर दी.

मनु प्रतिदिन 2 घंटे अध्ययन करता था तथा प्रत्येक सप्ताह बैंगलोर के एक कोचिंग केन्द्र पर आयोजित होने वाली परीक्षाओं में भाग लेता था. वह कहता है कि मैं आईआईएम में जाने को बहुत उत्सुक था, क्योंकि यह मेरे कैरियर को बेहतर गुणवत्ता प्रदान करता है.

उसकी पहली पसंद अहमदाबाद स्थित संस्थान है, जिसके बाद बैंगलोर तथा कोलकाता हैं. वह इस जबर्दस्त सफलता का श्रेय ''थोड़े से अभ्यास तथा ईश्वर की कृपा'' को देता है, परंतु साथ ही यह भी कहता है कि उसे इतने अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी.

वह कहता है कि अंकगणित तथा सांख्यिकी प्रश्न पत्र तो पूर्वानुमानित थे परंतु अंग्रेजी के प्रश्न पत्र हमेशा ही अप्रत्याशित होते हैं. सौभाग्य से मुझे उम्मीद से अधिक अंक प्राप्त हुए. यह वास्तव में एक विस्मयकारी अनुभव था.

यदि मनु का किस्सा खुशियों भरा है, तो बैंगलोर के ही एक दूसरे छात्र की कहानी बेहद विडंबनापूर्ण है. मात्र एक अंक ने उसका भाग्य बदल दिया. अनवरत् 6 माह तक भारत की सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में से एक में सफलता प्राप्त करने के लिए कठोर परिश्रम करने के बाद उसे 95.81 प्रतिशतक (पर्सेन्टाइल) अंक प्राप्त हुए. परंतु उसे मात्र इसलिए किसी भी आईआईएम में प्रवेश नहीं मिलेगा क्योंकि उसके अंक वांछित न्यूनतम (कट ऑफ) अंकों से मात्र 1 अंक कम हैं.

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