पुस्तकों को दो वर्ष तक पढ़ाना अनिवार्य
लखनऊ,
9
जनवरीः
उत्तर
प्रदेश
के
सभी
स्कूलों
में
चालू
सत्र
के
लिए
प्रकाशित
पाठ्य
पुस्तकों
को
कम
से
कम
दो
वर्ष
तक
पढ़ाया
जाना
अनिवार्य
होगा.
राज्य
के
माध्यमिक
शिक्षा
विभाग
के
प्रमुख
सचिव
अण
कुमार
मिश्र
ने
कल
यहां
बताया
कि
प्रकाशित
पुस्तक
कम
से
कम
दो
वर्ष
विद्यालयों
में
अवश्य
पढ़ाई
जाएगी
और
इसके
पूर्व
उसमें
किसी
प्रकार
का
बदलाव
नहीं
किया
जाएगा.
उन्होंने कहा कि निर्धारित तिथि तक पुस्तकें बाजार में उपलब्ध न कराने पर प्रकाशकों पर आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा. इसके अलावा पुस्तकों के प्रकाशन में प्रयुक्त कागज, 54 जीएसएम, के स्थान पर 60 जीएसएम का उपयोग किया जाएगा.
प्रमुख सचिव के मुताबिक प्रत्येक वर्ष पुस्तकें बदलने के कारण अभिभावकों एवं बच्चों को समय से पुस्तकें नहीं मिलने की शिकायत के बाद प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि पुस्तकों के आवरण पृष्ठों के प्रकाशन में तकनीकी रुप से सुधार किया जाएगा.