राजधानी में आईडी कार्ड मुद्दा गरमाया
नई दिल्ली 8 जनवरी: नीतीश कुमार के बाद अब केंद्रीय रसायन, उर्वरक एवं इस्पात मंत्री रामविलास पासवान ने दिल्ली में नागरिकों के लिये पहचान पत्र अनिवार्य करने के मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से हस्तक्षेप की मांग की है. दिल्ली के उपराज्यपाल तेजेंद्र खन्ना ने पिछले मंगलवार को राजधानी में नागरिकों के लिये 15 जनवरी से पहचान पत्र अनिवार्य करने की घोषणा की थी. हालांकि उन्होंने ऐसा आदेश देने से आज इन्कार किया.
श्री पासवान ने कहा कि पार्टी की आज यहां हुई आपात बैठक में इस मसले पर चर्चा की गई तथा इस फरमान को मौलिक अधिकारों का हनन करार दिया गया. बाद में पार्टी के सांसद रामचंद्र पासवान एवं वरिष्ठ नेता रंजन प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री से मिलकर इस मसले पर पार्टी के रुख से उन्हें अवगत कराया तथा हस्तक्षेप करने की मांग की.
वहीं दूसरी ओर मुंबई में शिवसेना ने दिल्ली में पहचान पत्र प्रणाली लागू करने के मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के प्रयास का स्वागत किया है और मुंबई में भी बाहर से आने वाले लोगों की संख्या पर नियंत्रण के लिए परमिट प्रणाली लागू करने की मांग दोहराई है.
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में आज शीला दीक्षित के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख को सबक सीखने की सलाह दी गयी है.
संपादकीय में कहा गया है कि मुंबई में बढते अपराधों, इंफ्रास्ट्रक्चर की समस्याओं के लिए बाहरी लोग जिम्मेदार हैं. संपादकीय में कहा गया है कि पूर्व सुपर काप जूलियो रिबेरो ने भी माना था कि मुंबई में अपराधों की संख्या बाहरी लोगों की बढ़ती आबादी के कारण बढ़ी है.
उल्लेखनीय है कि शिवसेना समय समय पर मुंबई में अन्य राज्यों से आने वाले लोगों के खिलाफ अभियान छेड़ती रही है और मुंबई में परमिट प्रणाली लागू करने की वकालत करती रही है.