पहचान पत्र मामले पर होगा विचारः प्रधानमंत्री
नई
दिल्ली,
8
जनवरीः
राष्ट्रीय
राजधानी
में
फोटो
पहचानपत्र
मुद्दे
पर
बढ़ते
विवाद
को
देखते
हुए
प्रधानमंत्री
मनमोहन
सिंह
ने
कहा
है
कि
अगर
इसमें
कोई
व्यावहारिक
समस्या
है
तो
उसका
समाधान
किया
जाएगा.
मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति भवन में नए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान संवाददाताओं से कहा मैं उसके मकसद के बारे में बात नहीं करना चाहूंगा. अगर कोई व्यावहारिक समस्या है तो हम उसका समाधान करेंगे.
प्रधानमंत्री बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पत्र पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे. नीतीश ने पत्र में आरोप लगाया है कि उस फैसले का मकसद उनके राज्य के प्रवासियों को निशाना बनाना है.
मनमोहन सिंह ने कहा कि मुझे बिहार के मुख्यमंत्री का पत्र मिला है. मैं उसपर गौर करूंगा. नीतीश ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि उन्हें फोटो पहचानपत्र के बाबत लिया गया फैसला उनके राज्य के लोगों के खिलाफ षडयंत्र नजर आता है.
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि दिल्ली के नागरिकों के लिए फोटो पहचान पत्र साथ रखने की अनिवार्यता का खतरनाक कदम सुरक्षा के नाम पर पुलिस और खुफिया विभाग की नाकामी छिपाने और दिल्ली को पुलिस राज्य में बदलने की कोशिश है.
मायावती सहित अनेक नेताओं ने कड़ा विरोध किया
पहचान पत्र की अनिवार्यता का उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती सहित कई अन्य नेताओं ने कड़ा विरोध किया है जबकि उप राज्यपाल ने ऐसा आदेश देने से इंकार किया है. इस बीच पूर्वांचल एवं राजधानी में रह रहे अन्य प्रांतों के संगठनों की ओर से इसके विरोध में धरने प्रदर्शन भी शुरु हो गये हैं. हालांकि उपराज्यपाल तजेन्द्र खन्ना ने स्पष्ट किया कि पहचान पत्र की अनिवार्यता के संबंध में उन्होंने किसी तरह का आदेश नहीं दिया है.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में भी इस मसले पर गहरा मतभेद शुरु से रहा है.उत्तर प्रदेश बिहार महासंघ की ओर से इस फैसले के विरोध में पूर्वी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का भी आयोजन किया गया.
मायावती ने दिल्ली के लोगों के लिये पहचान पत्र की अनिवार्यता को असंवैधानिक एवं जनविरोधी बताते हुये प्रधानमंत्री से इसे वापस लेने की मांग की है.