ग्रामीण भारत अभी भी कोसों पीछे: साईंनाथ
बालासोर 8 जनवरी: अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पत्रकार एवं मैग्सेसे पुरस्कार विजेता पी. साईनाथ का कहना है कि सरकारी संस्थाओं के लंबे चौड़े दावों के बावजूद ग्रामीण भारत शिक्षा, जल वितरण, जीवन प्रत्याशा, बिजली की उपलब्धता जैसे बुनियादी क्षेत्रों में पीछे हैं.
उड़ीसा के रामुना कालेज में क्रांतिकारी शिक्षक आंटा कार की याद में आयोजित व्याख्यान. 'आजादी के 60 वर्ष पश्चात ग्रामीण भारत की आर्थिक स्थिति एवं शिक्षा पर उसका प्रभाव' विषय पर श्री साईनाथ ने कल कहा कि देश में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधायें तेजी से मंहगी हुई है.
उन्होंने बताया कि भारत दुनिया में छठा देश है जहां सबसे ज्यादा निजी अस्पताल हैं. इसके बावजूद गांव के लोग बीमारी की वजह से ऋणजाल में फंसते जा रहे हैं. निजी अस्पताल की संख्या बढने के बावजूद यह गरीबों की पहुंच से बाहर हैं.
श्री साईनाथ ने राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के आंकडों का हवाला देते हुए कहा कि अस्पताल एवं नर्सिंग होम के बढने के बावजूद स्वास्थ्य सुविधायें मंहगी हो रही है और लोग स्वास्थ्य जांच नहीं करा पाते हैं.