राष्ट्रीय. प्रवासी अम्बिका दो अंतिम नयी दिल्ली..
ा दो अंतिम नयी दिल्ली.. श्रीमती सोनी ने कहा कि भारतीय संस्कृति की लक आज विश्व के किसी भी कोने में देखी जा सकती है1 इसकी सर्वव्यापी स्वीकार्यता ही इसे विश्व संस्कृति का आईना बनाती है
उन्होंने कहा .. इस साल हम प्रथम स्वाधीनता संग्राम की 150वीं वर्षगांठ और आजादी की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं1 हमें स्वतंत्रता संग्राम से जुडे मूल्यों को भी विश्वव्यापी स्तर पर फैलाना चाहिये1.. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम भारतीय संस्कृति का ही हिस्सा है और इसे आगे बढाने में प्रवासी समुदाय अग्रणी भूमिका निभा सकता है
श्रीमती सोनी ने कहा कि महात्मा गांधी ने भारत और भारतीय मूल्यों से समूची दुनिया को अवगत कराने के लिये अपने सभी दरवाजे खोल देने की बात कही थी1 उन्होंने कहा.. गांधी जी इस सपने को साकार करने के लिये हमने जो प्रयास किये उसका नतीजा आज दुनिया के सामने है1.. इस अवसर पर वरिष्ठ लेखक और संयुक्त राष्ट्र के पूर्व अवर महासचिव शशि थर. मारीशस के कला एवं संस्कृति मंत्री महेंद्र गोरेसो और प्रख्यात फिल्म निर्देशक शेखर कपूर ने भी इस तरह के आयोजनों को भारतीय संस्कृति के प्रसार का उचित तरीका बताया
निर्मल.रिषभसुनील1958वार्ता