बजट में गांवों में सार्वजनिक निवेश को बढावा देने के प्रावधान कराये
जायें...नयी दिल्ली 07 जनवरी .वार्ता. भारतीय किसान संगठनों के संघ .सीफा. ने केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम से मांग की है कि कृष िक्षेत्र में सार्वजनिक निवेश बढती आवश्यकताओं के साथ इंसाफ करते हुये आगामी केंद्रीय बजट में ऐसे प्रावधान करायें कि गांवों में शहरों की तरफ सुविधाओं. संसाधनों तथा अवस्थापनाओं का सही मायनों में विकास हो सके
सीफा के राष्ट्रीय महासचिव चेंगल रेड्डी ने यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कहा कि हम किसानों तथा गांवों की दुर्दशा और आत्महत्याओं के लिये केंद्र सरकार को जिम्मेदार मानते हैं1 खेती किसानी तथा गांवों को विनाश से बचाने के लिये कृष िनिवेश को कम से कम दुगुना कर देना चाहिये1 कृष िक्षेत्र से होने वाली आय को बढाने का प्रभावी तरीका होगा कि ग्रामीण संसाधनों क सृजन. विकास तथा रखरखाव के नजरिये से सार्वजनिक निवेश को प्रोत्साहन दिया जाये
श्री रेड्डी ने आंकडे देते हुये कहा कि कृष िक्षेत्र में सरकारी निवेश के मामलों में पिछले तीस सालों से लगातार कमी आई है और आज यह सकल घरेलू आय .का महज 1.3 प्रतिशत ही रह गयी है1 इस स्थिति को नहीं बदला गया तो गांवों से लोगों का शहरों को पलायन नहीं केगा और अगले कुछ ही सालों में बेरोजगारी बेकाबू होने से कानून व्यवस्था ठप हो जायेगी1 उन्होंने कहा कि खेतीबाडी से जुडे लोगों की आमदनी बढ ही नहीं रही और समाज में तेजी से बढती आर्थिक असमानताओं से भविष्य में देश के सामने जो नये खतरे पैदा हो रहे हैं इस बजट में उनका ध्यान रखकर प्रस्ताव तैयार करने चाहिये1 वित्त मंत्री को प्रस्तुत ज्ञापन में सीफा ने सिंचाई तथा जल स्रोतों के विकास तथा संरक्षण के लिये 11 हजार 500 करोड पये के परिव्यय. कृष िउत्पादन में कम से कम छह प्रतिशत सालाना वृद्धि तथा सघन खेती के विकास के लिये किसानों को चार प्रतिशत वार्षकि ब्याज दर पर कम से कम एक लाख अथवा अधिक पये रिण की उपलब्धता तथा पूरे देश में उन्नत बीजों की उपलब्धता के लिये दस हजार करोड पये के प्रावधान की मांग की है1 इसके अलावा भूमि उत्पादकता संरक्षण के लिये अनुदान. करों में रियायतों शहरी कूडे से तैयार कार्बनिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने. किसानों को किफायती दरों पर कीडों से फसल सुरक्षा के लिये रासायनिक दवायें सुलभ कराने. फसलों का न्यूनतम खरीद मूल्य भी किसानों की उम्मीदों के मुताबिक निर्धारित करते हुये औसत लागत मूल्य से कम से कम 50 प्रतिशत ज्यादा तय किये जाने तथा ग्राम पंयायत स्तर पर किसानों से राय मशविरा कर बजट तैयार करने की मांग की है
निगम.इंद्रसुनील1839वार्ता