अर्थ..यातायात नुकसान दो अंतिम नयी दिल्ली..
ान दो अंतिम नयी दिल्ली.. एसोचेम के महासचिव डी एस रावत ने यह आंकडा प्रस्तुत करते हुए सवाल उठाया है कि दिल्ली मेट्रो इस समस्या का समाधान निकाल सकेगा1 उन्होंने कहा कि दफ्तर जाने के लिए सुबह सात बजे से भागदौड शु हो जाती है और सार्वजनिक वाहनों से लोग दो से ढाई घंटे में अपने दफ्तर पहुंचते हैं1 इस तरह की भागदौड़ ज्यादा दिल्ली..गुडगांव. दक्षिण.. उत्तर और पूर्वी दिल्ली. नोएडा तथा गाजियाबाद की सडकों पर देखने को मिलती है
शाम को दफ्तर से घर लौटने का व्यस्त समय पांच बजे से शु होता है और फिर सुबह की तरह दो से ढाई घंटे लोगों को घर पहुंचने में लगते हैं1 श्री रावत का कहना है कि दफ्तर से आते जाते समय जिस आदमी के चार से पांच घंटे रास्ते में ही गुजर जाएंगे उसमें कितना ऊर्जा बची रहेगी और थका मांदा वह व्यक्ति शेष समय में कितना रचनात्मक काम कर पाएगा इस बात का सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है
श्री रावत ने बताया कि यह आकलन में यहां के करीब 70 लाख कामकाजी लोगों को आधार बनाकर लिया गया है1 इसमें प्रत्येक व्यक्ति को दो से ढाई घंटे का नुकसान प्रतिदिन दफ्तर आते जाते समय होता है1 इन ढाई घंटों को 70 से गुणा करने पर प्रतिदिन जाम के कारण बेकार होने े वाले घंटों की संख्या 1.75 करोड बैठती है1 इस तरह से 24 दिन में जाम के कारण यहां 70 लाख कामकाजी लोगों को 42 करोड घंटे का नुकसान कामकाजी लोगों को हो रहा है
अभिनव कैलाश रामलाल1623वार्ता