बारुद की गंध के प्रभाव से पक्षियों का पलायन
जगदलपुर 07 जनवरी.वार्ता. छत्तीसगढ के नक्सली प्रभावित दक्षिण बस्तर क्षेत्र में गोला बारूद विस्फोट की गंध से प्रवासी पक्षियों ने इस क्षेत्र को अलविदा कह दिया है और राष्ट्रीय पक्षी मोर तथा अन्य पक्षियों की चहचहाट भी अब यहां सुनाई नहीं पडती
बस्तर प्रकृति बचाव समिति के संस्थापक शरद वर्मा ने बताया किदक्षिण बस्तर क्षेत्र में जहां जमीदारी थी वहां आज भी विशाल तालाबमौजूद है 1उन्होंने बताया कि बीजापुर जिले के भोपालपट्टनम ् बीजापुर ्गुदमा और कुटरू में आज भी विशाल तालाब मौजूद हैं 1 श्री वर्मा ने बताया कि इन इलाकों में विदेशी मेहमान पक्षी सैकडों की संख्या में आते थे 1 सैकडों प्रवासी पक्षी इन दिनों तिब्बत ् मगोलिया ् सायबेरिया और भारत के विभिन्न राज्यों से बतख ् चिडिया जिनके पंख गहरे लाल रंग के होते थे जो यहां आकर मछली एवं हरी घास को अपना भोजन बनाते थे 1 एक समय सीमा के बाद वे वापस चले जाते थे
उन्होंने बताया कि पिछले तीन.चार सालों से मेहमान पक्षियों काआना बंद हो गया है1 क्योंकि इन क्षेत्रों में गोला बारूद और विस्फोट कीगंध पूरे जंगल और तालाब के क्षेत्र में फैली हुई है 1 कभी मोर इस इलाके में बहुतायत में पाये जाते थे और घने जंगल होने के कारण अन्य पक्षियों का भी बसेरा था 1 अब मोर नजर नहीं आता और अन्य पक्षियों की चहचहाट भी सुनाई नहीं पडती
करीम.बिष्ट.शिवप्रभु 1335जारी वार्ता