वयोवृद्ध बि्रगेडियर ने मरकर भी कायम रखी बलिदान की मिसाल
नयी दिल्ली 06 जनवरी.वार्ता. मेरठ में दो दिन पहले मारे गये भारतीय सेना के एक पूर्व बि्रगेडियर ने मरकर भी बलिदान का जज्बा कायम रखते हुए अपने शरीर के सभी अंग दान कर दिये1 आज तडके तक उनके शरीर से महत्वपूर्ण अंग निकालने का काम जारी रहा
बि्रगेडियर वाई पी बख्शी की शुक्रवार को मेरठ के शास्त्री नगर स्थित आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी1 ब्रिगेडियर बख्शी को दिल्ली छावनी स्थिति आर आर अस्पताल लाया गया जहां कल देर रात उन्हें ब्रेन डेड .दिमागी रूप से मृत. घोषति कर दिया गया1 बि्रगेडियर बख्शी की पुत्री कामिनी मेहता और सेना से हाल ही में सेवानिवृत्त हुए उनके पति मेजर जनरल पी के मेहता ने दिवंगत बि्रगेडियर के अंगदान करने की इच्छा जाहिर की ताकि जरूरतमंदों को शरीर के महत्वपूर्ण अंग मिल सकें1 इस मामले में उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस की आेर से कानूनी इजाजत लेना आवश्यक था
आर आर अस्पताल के कमांडेंट मेजर जनरल आे पी मैथ्यू के अनुसार. दिवंगत ब्रिगेडियर का जिगर सेना के एक जवान में प्रत्यारोपित किया गया1 उनका एक गुर्दा चौदह वर्षीय किशोर को दिया गया जबकि दूसरा गुर्दा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भेज दिया गया1 उनकी एक आंख का कार्निया और हृदय के कोष्ठक जरूरतमंदों के लिये रख दिये गये हैं
प्रथम गोरखा राइफल्स क ी पांचवीं बटालियन में सेवाएं दे चुके बि्रगेडियर बख्शी ने चौथी बटालियन को भी कमांड किया1 आज दोपहर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया
रीता समरेन्द्र जगबीर1702वार्ता