दिल्ली पहचान पत्र की अनिवार्यता अव्यावहारिक
नयी दिल्ली 05 जनवरी.वार्ता. भारतीय जनता पार्टी एवं माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सहित पूवाचल एवं बिहार से जुडे अनेक संगठनों ने दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा राजधानी में लोगों के लिए पहचानपत्र अनिवार्य किये जाने को अव्यावहारिक तथा दुर्भावना से प्रेरित करार दिया है जबकि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में मतभेद उत्पन्न हो गया है1 संगठनों ने यह भी कहा है कि यह दिल्ली में रह रहे बाहर के लोगों की यहां से खदेडने की साजिश है जिसे सफल नहीं होने दिया जायेगा
उपराज्यपाल तजेन्द्र खन्ना ने कल राजधानी में लोगों के लिए पहचान पत्र अनिवार्य किये जाने की घोषणा की थी
भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि इस योजना के पीछे भावना. तो अच्छी है लेकिन यह अव्यावहारिक है1 उन्होंने कहा कि इससे बहुउद्देश्यीय पहचान पत्र बनाने को लेकर कबहस शु होगी. जो सार्थक होगी
माकपा की दिल्ली प्रदेश इकाई ने उपराज्यपाल के इस फैसले का विरोध करते हुये कहा कि यह राजधानी से लोगों को बेदखल करने की साजिश है. जिसे कभी स्वीकार नहीं किया जायेगा
अखिल भारतीय क्षेत्रीय विकास एवं भाषा आंदोलन के अध्यक्ष अरविन्द पाठक की अगुवाई में पूवाचल. उत्तरांचल. पूर्वी उत्तर प्रदेश बिहार एवं अन्य प्रांतों के एक दर्जन से अधिक संगठनों ने इस घोषणा को एक साजिश करार दिया है तथा इसके खिलाफ आंदोलन चलाने का ऐलान किया है
समरेन्द्र अजय मनोरंजन 1917 जारी.वार्ता.