प्रान्तीय. बुनकर रोटी दो अंतिम गोरखपुर..
ोटी दो अंतिम गोरखपुर.. बुनकर फ्रंट के वरिष्ठ नेता कमज्जमा अन्सारी ने आज यहां.यूनीवार्ता. को बताया कि दुनिया में अपनी अलग पहचान रखने वालेपूर्वी उत्तर प्रदेश के हथकरघा उद्योग कोे इस मुकाम पर पहुंचाने वालावर्ग ही इस समय जबर्दस्त शोषण का शिकार है1 उन्होंने बताया कि 30 वर्ष पूर्व एक रूपए बीस पैसे प्रति मीटर सूतउत्पादन की दर से मजदूरी मिलती थी और आज भी इसी दर से मेहनताना दिया जा रहा है1 श्री अंसारी ने बताया कि 12 से 14 घंटे की कडी मशक्कत के बादएक बुनकर को 50 से 60 रूपए मजदूरी मिलती है जो उसके और परिवारके भरण पोषण के लिए पर्याप्त नहीं है
सूत उत्पादन कारखाने के मालिकों द्वारा बुनकर श्रमिकों के शोषणका जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि विद्युत आपूर्ति बाधित हो जानेकी दशा में कामगार की कारखानों पर उपस्थिति के समय को काम केघंटों में शामिल नहीं किया जाता है और बुनकर को उस अवधि कीमजदूरी नहीं दी जाती है
श्री अंसारी ने कहा कि वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में सरकार की नयीआर्थिक नीति के तहत बडी कम्पनियों को सभी वस्तुओं के उत्पादनकी छूट देने की घोषणा की गई है1 अगर यह नीति लागू हुयी तोतौलिए.गमछे. लुंगी और चादरों जैसे हैन्डलूम उत्पादों की बुनाई भीबडी टेक्सटाइल कम्पनियां करेंगी जिससे बुनकर की हैसियत सिर्फ औरसिर्फ लाचार मजदूर की होकर रह जाएगी
उदय मघूलिका जगबीर1514वार्ता