बिलावल बने पीपीपी के नए सरताज
इस्लामाबाद
31
दिसम्बर:
उम्र
महज
19
साल.
आक्सफोर्ड
विश्वविद्यालय
में
अध्ययनरत.
पसंदीदा
खेल
घुड़सवारी
स्क्वाश
तैराकी.
इसके
अलावा
ताइक्वांडो
में
ब्लैक
बेल्ट
उपाधि.
और
अब
पाकिस्तान
के
सबसे
बड़े
राजनीतिक
दल
पाकिस्तान
पीपुल्स
पार्टी
के
अध्यक्ष.
नाम
बिलावल
भुट्टो.
मां बेनजीर भुट्टो के कत्ल ने बिलावल के कंधों पर ऐसी जिम्मेदारी डाल दी जिससे वह इनकार नहीं कर सकते थे क्योंकि वह पाकिस्तान के सबसे बड़े सियासी खानदान के वारिस हैं. 40 साल पुरानी पीपीपी के इतिहास में वह तीसरे अध्यक्ष हैं. इसी सितम्बर में 19 साल के हुए बिलावल को आज पार्टी की कमान सौंपी गयी हालांकि चुनाव लड़ने के लिए उन्हें छह साल इंतजार करना होगा.
बेनजीर जब 1988 में पहली बार प्रधानमंत्री बनीं तो बिलावल तीन महीने के थे. बिलावल के नाना जुल्फिकार अली भुट्टो ने वर्ष 1967 में पीपीपी की स्थापना की थी और 1970 के दशक के बीच के चार साल देश के प्रधानमंत्री भी रहे.
बेनजीर को भी 26 साल की उम्र में पीपीपी की कमान संभालनी पड़ी थी जब उनके पिता को जनरल जिया उल हक के सैनिक शासन ने 1979 में फांसी पर लटका दिया था. बेनजीर को 27 दिसम्बर को कत्ल कर दिया गया.
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और आसिफ् अली जरदारी के बेटे बिलावल का जन्म 21 सितंबर 1988 में हुआ. उन्होंने दुबई के राशिद स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा हासिल की और जीसीएसई के ए.लेवल एक्जाम में उच्च श्रेणी प्राप्त की.
19 वर्षीय बिलावल इस समय ब्रिटेन के प्रतिष्ठित आक्सर्फ्डो विश्वविद्यालय में स्नातक की पढाई कर रहे हैं. हालांकि श्री जरदारी का कहना है कि बिलावल पार्टी अध्यक्ष बनने के बावजूद ब्रिटेन में अपनी पढाई जारी रखेंगे और पूरी तरह सियासत में आने में उन्हें कुछ समय लग सकता है. लेकिन बिलावल की ताजपोशी से साफ हो गया है कि पीपीपी की बागडोर भुट्टो परिवार के पास ही रहेगी.
बताया
जाता
है
कि
अपनी
मां
की
हत्या
की
खबर
सुन
कर
बिलावल
दुबई
में
बेहोश
हो
गये
थे.
वह
ईद
की
छुट्टियों
में
अपने
पिता
आसिफ
अली
जरदारी
और
दोनों
बहनों
बख्तावर
तथा
आसिफा
के
पास
आये
थे
और
इसी
सप्ताह
उन्हें
अपने
कालेज
लौटना
था.