भारत का पहला गर्ल बैंड: ब्लू कॉर्न
नई
दिल्ली
26
दिसंबर:
उनमें
अद्भुत
तारतम्य
है,
उन्हें
पश्चिमी
संगीत
पसंद
है
और
उनके
आवाज
वाकई
काबिलेतारीफ
है.
ये
हैं
भारत
के
पहले
लड़कियों
के
पॉप
बैंड
की
'ब्लू
कॉर्न'
की
सदस्याएँ,
किम
एवं
टी,
जिन्हें
लोग
पूर्वोत्तर
की
स्पाइस
गर्ल्स
के
नाम
से
भी
जानते
हैं.
अपनी
खनकती
आवाज
और
मदमस्त
कर
देने
वाले
संगीत
से
उन्होंने
दिल्ली
में
अपने
पहली
प्रस्तुति
में
कल
श्रोताओं
को
मंत्रमुग्ध
कर
दिया.
दो सदस्याओं वाले इस बैंड ने अपने 'क्रिसमस नांगनेन' (क्रिसमस तुम्हारे साथ) एलबम से पूर्वोत्तर में धूम मचा दी थी. मिजोरम स्थित इस बैंड को अपने पहले ही एलबम 'लुगलान आकिम' से रिकार्डतोड़ सफलता मिली थी. इसके बाद आए दूसरे एलबम 'क्रिसमस नांगनेन' को भी बाजार में आते ही हाथों-हाथ लिया गया.
इस अवसर पर किम ने पत्रकारों से कहा कि 'हमारा संगीत बाकी संगीत से इस मायने में अलग है कि हम लोगों को अपने संगीत से नाचने पर मजबूर करने में विश्वास नहीं करते हैं. इसके बजाए हमारा संगीत भावनाओं को छूता है, धीरे-धीरे दिल में उतरता है और फिर वहाँ लंबे समय तक रहता है.'
किम और टी एक दूसरे से आइजोल के एक संगीत विद्यालय में मिली थीं जहाँ वे दोनों संगीत सीखती थीं. उस विद्यालय से निकल कर उन्होंने मिजोरम सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग में संगीत की कक्षाएँ भी लीं.
किम
ने
बताया
कि
उन
दोनों
का
ही
सपना
एक
पॉप
बैंड
प्रारंभ
करने
का
था.
चूंकि
उन
दोनों
में
परस्पर
अच्छा
तारतम्य
था,
उन्होंने
इस
काम
को
एक
साथ
करने
का
निर्णय
लिया,
और
इस
प्रकार
भारत
का
केवल
लड़कियों
का
पहला
पॉप
बैंड
'ब्लू
कॉर्न'
अस्तित्व
में
आया.