सॉफ्टवेयर पाइरेसी कंपनियों के लिए एक बड़ी समस्या: के.पी.एम.जी.
मुबई
20
दिसंबर:
अमेरिका
की
लेखा
परीक्षण,
कर
तथा
सलाहकार
संस्थ
के.पी.एम.जी.
ने
कहा
है
कि
अवैध
तथा
गैर-लाइसेंस
प्राप्त
सॉफ्टवेयर
का
प्रयोग
विश्व
भर
की
सॉफ्टवेयर
कंपनियों
के
लिए
एक
बड़ी
समस्या
तथा
राजस्व
हानि
का
कारण
है.
वास्तव में के.पी.एम.जी. द्वारा करवाए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक 55 प्रतिशत कंपनियों ने बताया है कि उनके राजस्व में होने वाली हानि उनके कुल राजस्व से भी 10 प्रतिशत अधिक है.
भारत में भी हालात बहुत अच्छे नहीं हैं क्योंकि यहाँ कुल सॉफ्टवेयर का 50 प्रतिशत अवैध होता है. के.पी.एम.जी. के अध्ययन में पाया गया कि 87 प्रतिशत कंपनियों ने अवैध सॉफ्टवेयर से होने वाली हानि को स्वीकार किया.
के.पी.एम.जी.
के
भारतीय
प्रतिनिधि
अरपिंदर
सिंह
ने
कहा
कि
सॉफ्टवेयर
कंपनियों
के
अधिकारी
गैर-लाइसेंस
प्राप्त
सॉफ्टवेयर
के
प्रयोग
को
रोकने
का
रास्ता
तलाश
रहे
हैं.
उनमें
से
कुछ
ने
इसके
लिए
आवश्यक
कदम
नहीं
उठाए
हैं
तथा
कुछ
के
अनुसार
उनके
सुरक्षा
कार्यक्रमों
को
पुनर्विश्लेषण
की
आवश्यकता
है.