चोपड़ा कमेटी की रिपोर्ट पर गुर्जरों में आक्रोश
जयपुर,
19
दिसम्बरः
जनजाति
में
आरक्षण
की
मांग
कर
रहे
गुर्जरों
में
चोपड़ा
कमेटी
की
रिपोर्ट
को
लेकर
जबर्दस्त
आक्रोश
है.
उन्होंने
इसे
सिरे
से
खारिज
कर
संघर्ष
का
एलान
किया
है.
संयुक्त
गुर्जर
आरक्षण
संघर्ष
समिति
के
संयोजक
प्रहलाद
गुंजल
ने
चौपड़ा
कमेटी
की
रिपोर्ट
को
खारिज
करते
हुये
सरकार
को
चेतावनी
दी
है
कि
वह
या
तो
मंत्रिमंडल
की
सिफारिशी
चिट्ठी
भेज
दे
अन्यथा
21
जनवरी
से
महाभारत
की
लड़ाई
का
मुकाबला
करने
की
तैयारी
कर
ले.
उन्होंने चौपड़ा समिति की रिपोर्ट को समाज के साथ सबसे बड़ा धोखा बताते हुये कहा कि सरकारी गोली से 26 गुर्जर नौजवानों की मौत इसलिये नही हुई थी कि समाज को चौपड़ा कमेटी का झुनझुना पकड़ा दिया जाएगा. उन्होंने गुर्जर समाज को संघर्ष करने का आह्वान करते हुये कहा कि अब या तो आरक्षण देने की चिट्ठी जाएगी अन्यथा यह सरकार जाएगी.
तीर्थ स्थली पुष्कर मे गुर्जर प्रतिनिधियो की बैठक में गुजल ने कहा कि उन्हे पहले ही आशंका थी कि चौपड़ा कमेटी राज्य सरकार के इशारे पर झूठी रिपोर्ट पेश करेगी. उन्होंने कहा की वह कर्नल बैसला को भी मुख्यमंत्री से मिलने वाले धोखे से आगाह करते रहे थे लेकिन कर्नल बैसला ने भी सरकार से मिलकर गुर्जरो के साथ विश्वासघात किया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूकर इस मसले को चुनावी आचार संहित लागू होने तक टालना चाहती है.
सचिन
पायलट
सांसद
सचिन
पायलट
ने
कहा
है
कि
आरक्षण
मुद्दे
पर
राज्य
सरकार
ने
गुर्जर
समाज
के
साथ
धोखा
किया
है.
कमेटी
की
रिपोर्ट
और
उसके
बाद
सरकार
की
वादाखिलाफी
से
सब
आहत
हैं.
सरकार
ने
कमेटी
पर
राजनीतिक
दबाव
डालकर
अपनी
सुविधानुसार
रिपोर्ट
बनवा
ली.
पायलट ने कहा कि अब उन लोगों को जनता और समाज को जवाब देना होगा, जो लोग पिछले छह माह से सरकार की गोद में बैठकर समाज को बरगलाते हुए कह रहे थे कि उन्हें मुख्यमंत्री और सरकार पर भरोसा है. ऐसे लोगों को समाज सबक सिखाएगा और हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे.
गुर्जरों
को
जनजाति
का
दर्जा
देने
की
सिफारिश
नहीं
गौरतलब
है
कि
राजस्थान
सरकार
द्वारा
गठित
चोपड़ा
समिति
ने
पुराने
मापदण्ड
के
हिसाब
से
गुर्जरों
को
जनजाति
का
दर्जा
देने
में
असमर्थता
व्यक्त
की
है.
वसुंधरा
राजे
मंत्रिमंडल
ने
चोपड़ा
समिति
की
रिपोर्ट
पर
विचार
कर
इसे
केन्द्र
सरकार
को
भेजने
का
निर्णय
लिया
है.
मंत्रिमंडल ने चोपड़ा समिति की सिफारिश के अनुरुप सुविधा विहीन एवं दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले गुर्जरो के लिये विशेष पैकेज देने के बारे में कार्य योजना तैयार करने के लिये सांसद रामदास अग्रवाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है. चोपड़ा समिति ने अपनी रिपोर्ट में राज्य सरकार को सलाह दी है कि वह जनजाति का दर्जा देने के बारे में पुराने मापदण्डो को बदलने का मामला केन्द्र सरकार के समक्ष उठाये.
समिति का मानना है कि पुराने मापदण्ड बदले बिना जनजाति का दर्जा देने का परीक्षण संभव नही है. यही कारण है कि पहले राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति में दो जातियों को शामिल करने के बारे में केन्द्र सरकार को की गई सिफारिश दो दशक बाद भी लम्बित पड़ी है. समिति ने कहा है कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मात्रात्मक मापदण्ड प्रासंगिक हैं.
मापदण्ड ऐसे होने चाहिये जिससे कि भविष्य में बनने वाले आयोग या समितियां इनकी विश्वसनीयता से परख कर सके तथा न्यायालय के सामने भी टिकाऊ रह सके. समिति ने सुविधा विहीन एवं दूरदराज के क्षेत्रो जैसे डांग, छिंद, वन एवं पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के विकास के लिये एक बोर्ड का गठन करने तथा विशेष पैकेज का सुझाव दिया है.
समिति ने इन क्षेत्रों के विकास के लिए सड़क बनाने, बच्चों की शिक्षा के लिए प्रेरित करने तथा स्वच्छ पानी का प्रबन्ध करने पर विशेष जोर देने तथा निर्धारित अवधि में विकास के लिये पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराने की सिफारिश की है. समिति ने दूरदराज के क्षेत्रों का दौरा कर यह माना कि कठिन परिस्थितियों में रहने के कारण इन लोगो का विकास नही हो सका है. लिहाजा बिना विलम्ब किये इनपर ध्यान दिया जाना चाहिये.
मीणाओं
में
खुशी
की
लहर
कैबिनेट
के
फैसले
के
बाद
मीणाओं
में
खुशी
की
लहर
छा
गई
है.
खाद्य
मंत्री
के
आवास
पर
मीणा
समुदाय
के
लोग
शाम
तक
जमा
रहे.
किरोड़ीलाल
मीणा
आज
मौन
तोड़ेंगे.
रिपोर्ट
केंद्र
को
भेजने
के
फैसले
पर
उन्होंने
कोई
प्रतिक्रिया
नहीं
जताई,
लेकिन
चेहरे
के
हावभाव
से
वे
संतुष्ट
नजर
आए.
इस्तीफा
वापस
लेने
की
संभावना
को
उन्होंने
नकार
दिया.