छत्तीसगढ ने चावल की कटौती पर विरोध जताया
नयी दिल्ली 19 दिसंबर.वार्ता. छत्तीसगढ ने केन्द्र द्वारा छत्तीसगढ को मिलने वाले चावल का कोटा 94 प्रतिशत तक कम करने के फैसले पर आज कडा विरोध व्यक्त किया
राज्य के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने आज यहां राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से शिकायत की कि छत्तीसगढ के साथ भेदभाव करने वाले इस फैसले से राज्य में गरीबों को खाद्यान्न पहुंचाने वाली सार्वजनिक वितरण प्रणाली की व्यवस्था चरमरा जायेगी
उन्होंने प्रधानमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुये राज्य का ए.पी.एल. चावल का कोटा पुन. 61 हजार टन करने की मांग की है
बैठक में वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम. कृष िमंत्री शरद पवार. मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह. योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोटेंक सिंह अहलूवालिया और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ केन्द्रीय पूल में 16 प्रतिशत चावल का योगदान देता है1 इसके बावजूद उसके कोटे के चावल में 94 प्रतिशत की कटौती की गयी है. जबकि आंध्रप्रदेश. तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में यह कटौती केवल दो . 26 और 12 प्रतिशत है1 बैठक में मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ के 54 हजार आदिवासी परिवारों के वनभूमि के पट्टों के नियमितीकरण का मामला उठाते हुये कहा कि केन्द्र सरकार के स्तर पर दस वषो से यह विषय लंबित है1 उन्होंने कहा कि वही क्षेत्र है. जहां नक्सली गतिविधियां बढ रही है1 इसलिये इस विषय को तत्काल हल करने की आवश्यकता है
डा. सिंह ने अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वनवासी अधिकार कानून 2006 का जिक्र करते हुये कहा कि इस कानून के प्रावधानों को तत्काल अधिसूचित किया जाना चाहिये ताकि वनवासियों को उनके कल्याण के लिये चलायी जा रही योजनाओं के लाभों से वंचित न रहना पडे
सचिन अजय जगबीर1646जारी वार्ता