क्रान्तिकारियों में ऊपर लिखा जाता है बिस्मिल का नाम
गोरखपुर 19 दिसम्बर .वार्ता. शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मरने वालों की यही बाकी निशां होगा 1
यही पंक्तियां कहते.कहते क्रांतिवीर पं. राम प्रसाद बिस्मिल उत्तरप्रदेश की गोरखपुर जिला जेल में 80 वर्ष पहले आज के ही दिन फांसी पर ूल गये थे
देश को गुलामी की जंजीरों से रिहाई दिलाने वाले अमर क्रान्तिकारियों में पं. रामप्रसाद बिस्मिल का नाम सबसे ऊपर लिखा जाता है1 उत्तर प्रदेश की गोरखपुर जिला जेल बिस्मिल के जीवन के आखिरी दिनों की साक्षी है1 बिस्मिल वर्ष 1897 में उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में पैदा हुए थे 1 उनके पिता का नाम पं. मुरलीधर था और बचपन से ही उनके दिल में अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ नफरत समा गयी थी1 उन्होंने जब अंग्रेजों के खिलाफ होने वाली गतिविधियों एवं आन्दोलनों में हिस्सा लेना शु किया तो जीवन पर्यन्त पीछे मुडकर नहीं देखा 1 वर्ष 1916 में उनकी मां ने उन्हें लखनऊ पढने के लिए भेजा जहां से वे कांग्रेस के अधिवेशन में चले गये
उदय रिषभ मनोरंजन 1700 जारी.वार्ता.