अगले 30 वषो में मोटापे और मधुमेह का प्रकोप
नयी दिल्ली. 12 दिसंबर. वार्ता. वैग्यानिकों का कहना है कि आरामतलब जीवन शैली. परिश्रम की कमी और निष्क्रिय कार्यप्रणाली से विश्व में मधुमेह तथा मोटापा महामारी का रुप धारण कर रहे हैं औरअगर समय रहते इन पर काबू नहीं पाया गया तो अगले 30 वषो में विश्व की आबादी का एक बडा हिस्सा इन.. घातक हत्यारों.. की चपेट में आ जाऐगा
आज यहां संपन्न दो दिवसीय.. अंतर्राष्ट्रीय जैतून तेल परिषद.. की बैठक में वैग्यानिकों और डायटिशयनों ने इस बात पर सहमति जताई कि मधुमेह और मोटापा जैसी बीमारियों का मुख्य कारण अनियंति्रत खान पान. अधिक वसायुक्त भोजन और शारीरिक श्रम की कमी है और खान पान पर नियंत्रण रखकर ही इन पर काबू पाया जा सकता है
स्पेन के वैग्यानिक डा. मिगुइल मार्टिनेज गोंजालिज ने अपने शोधों के हवाले से कहा कि मधुमेह पर नियंत्रण पाने में जैतून का तेल सबसे प्रभावी है क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में एंटी आक्सीडेन्ट्स. विटामिन ई. फीनोलिक तत्व. हाइड्रोक्सीटाइरोसोल. आेलयूरोपिन तथा केरोटीनाइड्स होते हैं
दिल और धमनियों की बीमारियों को रोकने मेंं यह काफी कारगर पाया गया है1 इसके नियमित इस्तेमाल से धमनियों का कडापन आर्टियोस्केलरोसिस. खून के थक्के को घोलने उच्च रक्त चाप कम करने दिल के मायोकार्डियन इन्फ्रेक्शन और गुदो की बीमारियों को रोकने में अच्छे परिणाम सामने आए हैं
जितेन्द्र. संजीव. अजय नंद1634 जारी.वार्ता