न्यायमूर्ति सभरवाल के खिलाफ लगे आरोपों की जांच की मांग
नयी दिल्ली 12 दिसंबर .वार्ता. अखिल भारतीय व्यापारी महासंघ के व्यापारियों ने सीलिंग को लेकर पूर्व मुख्य न्यायाधीश वाई . के . सभरवाल पर लगे आरोपों की जांच की मांग की है1 अखिल भारतीय व्यापारी महासंघ के व्यापारी नेता प्रवीण खण्डेलवाल ने आज यहां एक संवाददता सम्मेलन में कहा कि न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने के लिए न्यायमूर्ति सभरवाल पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच करायी जानी चाहिए
श्री खण्डेलवाल ने कहा कि नगर निगम ने दिल्ली नगर निगम कानून 1957 तथा दिल्ली विकास प्राधिकरण .डीडीए. ने दिल्ली विकास प्राधिकरण कानून 1957 तथा अन्य नियमों एवं उप नियमों के संवैधानिक प्रावधानों की अनदेखी करते हुए दिल्ली भर में सीलिंग और तोडफोड अभियान चलाया जिससे दिल्ली के व्यापार तंत्र को नुकसान होने के साथ ही बडी संख्या में लोगों की रोजी रोटी के साधन से बेदखल होना पडा
उन्होंेने कहा कि महासंघ उच्चतम न्यायालय के उस निर्णय का स्वागत करता है जिसमें कहा गया है कि न्यायपालिका को अपनी सीमा नही लांघनी चाहिए और न्यायाधीशों को सरकार चलाने की कोशिश नही करनी चाहिए1 उन्होंेने कहा कि देश की न्याय व्यवस्था विश्व में सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि वह आवश्यकता पडने पर आत्मनिरीक्षण से भी संकोच नहीं करती 1 उन्होंने जोर देकर कहा कि इस प्रकार का आत्म निरीक्षण विधायिका एवं कार्यपालिका को भी करना चाहिए जिससे व्यवस्था की खामियों को दूर किया जा सके 1 व्यापारियों ने न्यायधीशों की टिप्पणी को देश की न्याय व्यवस्था में मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इससे निश्चित रूप से न्याय व्यवस्था सुदृढ होगी 1 उन्होंने हालांकि कहा कि यदि यही आत्म निरीक्षण यदि कुछ समय पहले होता तो दिल्ली में व्यापारियों को सीलिंग और तोडफोड नहीं ेलना पडता
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम जैसी सरकारी एजेंंसियों की लापरवाही और कार्यप्रणाली के कारण सीलिंग के मामले में व्यापारियों को बलि का बकरा बनाया गया
उन्होंने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि कई मामलों में मानीटरिंग कमेटी ने न्यायपालिका द्वारा दिए गए अधिकारों से आगे जाकर कार्य किया है जिसके कारण व्यापारियों को बहुत कठिन दौर से गुजरना पडा है
अमित.कैलाश नंद1844 वार्ता