राजस्थान को तेल-गैस के लिए रॉयल्टी
जोधपुर, 11 दिसम्बरः राजस्थान में मिले तेल भण्डारों का वर्ष 2009 में व्यावसायिक दोहन शुरु होने पर प्रदेश को करीब 2500 करोड़ रुपये रॉयल्टी के रुप में अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा.
पेट्रोलियम मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे ने राजस्थान सरकार के शासनकाल के चार वर्षो में उपलब्धियों की जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया कि वर्ष 2009 में राजस्थान के तेल कुओं से डेढ़ लाख बैरल तेल प्रतिदिन उत्पादित किया जाएगा जिस पर करीब हर साल 2500 करोड़ रुपये की रॉयल्टी प्राप्त होगी.
उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश में अबतक तेल खोज के प्रयासों से बाड़मेर क्षेत्र में लगभग 480 मिलियन टन खनिज तेल के भण्डार मिल चुके है और यह भण्डार यहां रिफाइनरी स्थापना के लिये पर्याप्त है.
उन्होंने कहा कि गत दो दशको के दौरान मंगला तेल कुएं में सबसे अधिक तेल भण्डार मिले है. उन्होंने बताया कि हाड़ोती क्षेत्र के तीन ब्लॉक सहित राज्य में 19 और ब्लॉक्स विभिन्न तेल खोज कम्पनियों को आवंटित किए गए है और तेल व गैस खोज के प्रयास जारी है.
उन्होंने कहा कि अब तक तेल क्षेत्र में 1600 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है तथा आगामी वर्षो में 11000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना है उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बाड़मेर में रिफाइनरी लगाने के अपने निश्चय पर कायम है लेकिन तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग ने यहां से 12 हजार करोड़ के निवेश के बदले में अत्यधिक वित्तीय एवं भौतिक रियायते करीब 26000 करोड़ रुपये की मांग की है जो उचित नही है.
इस संबंध में ओएनजीसी एवं राज्य सरकार से वार्ता चल रही है तथा पूर्व प्रस्तावों के आधार पर रियायते देने के लिए सरकार तैयार है.उन्होंने बताया कि अब तक राज्य में 152 कुओं की खुदाई हुई है जिसमें से 22 मे तेल एवं गैस के भण्डार मिले है. उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश में तीन से छह हजार मिलियन घन मीटर गैस भण्डार प्रमाणित हो चुके है.