खाद्य पदार्थ सस्ते होने से मुद्रास्फीति फिर से 3 फीसदी के पास
नयी दिल्ली. 09 दिसम्बर.वार्ता. मानसून की बारिश के फलस्वप कृष िउपज बढने से फल सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ सस्ते होने पर मुद्रास्फीति की सालाना वृद्धि दर सभी अनुमानों के विपरीत एक बार फिर तीन प्रतिशत के बिल्कुल नजदीक पहुंच गई है
हालांकि मुद्रास्फीति के इतने नीचे आने की एक और प्रमुख वजह सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए कदमों को भी माना जा रहा है लेकिन आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि अगले सप्ताह बेस प्रभाव के कारण मुद्रास्फीति में बढोतरी हो सकती है1कच्चे तेल के ऊंचे दामों से महंगाई बढने का खतरा बना ही हुआ है
रिजर्व बैंक ने इसी सप्ताह कहा कि खाद्य कीमतों से मुद्रास्फीति पर दबाव बना हुआ है तथा कीमतों में स्थिरता के लिए गेंहू. चावल और अन्य वस्तुओं के उत्पादन में बढोतरी बहुत जरी है1वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने कहा है कि कीमतों में स्थिरता केन्द्र की सवोच्च प्राथमिकता रही है1 वित्त मंत्रालय की इसी सप्ताह संसद में पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि गेंहू और चीनी सहित प्रमुख जिन्सों की आपूर्ति में सुधार तथा पए की मजबूती के कारण आयातित सामान के दाम घटने से मुद्रास्फीति कम हुई है1 देश में जून से सितम्बर के दौरान बारिश पांच प्रतिशत अधिक होने से कृष िउपज बढी है1 नवीनतम सरकारी आंकडों के अनुसार मुद्रास्फीति 24 नवम्बर को समाप्त हुए सप्ताह में एक हफ्ता पहले की तुलना में 0.20 प्रतिशत घटकर 3.01 प्रतिशत पर आ गई1 गत 27 अक्तूबर को यह 2.97 प्रतिशत हो गई थी जो पांच सालों का निम्नतम स्तर था1 इस साल जनवरी में मुद्रास्फीति 6.69 प्रतिशत पर दो वषो के उच्चतम स्तर तक पहुंच गई थी1 पिछले साल 25 नवम्बर को यह 5.55 प्रतिशत थी1 कैलाश. पंचानन लखमी1335जारीवार्ता.