फिल्मों से 60 लाख लोगो को रोजगार
नई दिल्ली, 8 दिसंबरः भारत के फिल्म उद्योग के काफी तेजी से प्रगति करने की उम्मीद है और इसका आकार 2010 तक 40 हजार करोड़ रूपए हो जाने की संभावना है.
उद्योग व्यापार संगठन एसोचैम द्वारा घरेलू फिल्मोद्योग के बारे में तैयार किए गए प्रारूप में कहा गया है कि इस उद्योग में आलोच्य अवधि में 50 भाषाओं और बोलियों में सालाना 1200 से अधिक फिल्में बनाने की प्रक्रिया में 60 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.
एसोचैम के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय फिल्म उद्योग का वर्तमान आकार 23 हजार करोड़ रूपए है और इसमें अप्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष तौर पर 25 लाख लोगों को रोजगार मिला है और सालाना 800 फिल्में बन रही है. भारत का फिल्मोद्योग वर्तमान में विश्व का सबसे बडा फिल्म उद्योग माना जाता है. एसोचैम के अध्यक्ष वेणुगोपाल एन धूत ने आज इस प्रारूप को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के समक्ष पेश किया.
धूत ने कहा कि अपनी बहुभाषायी और बहुसांस्कृतिक रूप के कारण भारत का समाज भारत के मनोरंजन उद्योग में रंग भरता है और इसमें विविधता आती है. साथ ही घरलू प्रसारण क्षेत्र में भी काफी तेजी आई है. भारत में फिलहाल 200 चैनल प्रसारित हो रहे है और टेलीविजन देखने वालों की तादाद 12 करोड़ है और 7करोड़ घरों में केबल टीवी लगा हुआ है.
इसमें कहा गया है कि फिल्म उद्योग के साथ साथ घरेलू संगीत उद्योग भी काफी तेजी से प्रगति करेगा और चार प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ यह उद्योग 2010 तक 8.7 अरब डॉलर का हो जाने की संभावना है. साथ ही वीडियो गेम उद्योग भी काफी तेजी से प्रगति करेगा.