लिंग अनुपात में गिरावट पर राज्यसभा में चिन्ता व्यक्त की गई
नयी दिल्ली 07दिसम्बर .वार्ता. सरकार ने कहा है कि लिंग अनुपात वर्ष1991 के 927 से बढकर वर्ष 2001 में 933 हो गया है हालांकि इसीअवधि के दौरान बाल लिंग अनुपात 945 से घटकर 927 रह गया
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा अम्बुमणी रामदास ने आज राज्यसभा मेंप्रश्नकाल में बताया कि लिंग अनुपात का कारण है समाज में व्याप्तबेटे की अधिक इच्छा और बेटी की उपेक्षा जिसके कारण बालिका शिशुहत्या और बालिका भ्रूण हत्या अधिक होती है1उन्होने कहा कि भारतमें लिंग निर्धारण तकनीकों का उपयोग वर्ष 1975 से मुख्य रुप सेआनुवंशिकीय असमान्यताओं का पता लगाने के लिये किया जा रहा हैलेकिन इन तकनीकों का व्यापक स्तर पर दुरुपयोग भ्रूण का लिंग पताकरने और तदुपरांत बालिका भ्रूण बालिका है तो उसका गर्भपात करानेमें किया जाता है
डा रामदास ने कहा कि लिंग अनुपात में गिरवट को रोकने केउद्देश्य से सरकार ने राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय निगरानी समितियां गठितकी है और साथ ही विभिन्न प्रचार.प्रसार माध्यमों से जनजागरणकार्यक्रम शुरु किये गये हैं1 उन्होंने कहा कि इस जनजागरण कार्यक्रमोंमें सरकार के अलावा गैर.सरकारी संस्था .संगठन. सामाजिक. धार्मिकक्षेत्र के महत्वपूर्ण लोगों का सहयोग लिया जा रहा है1 एक पूरक प्रश्नके उत्तर में स्वास्थ्यमंत्री ने कहा कि अल्ट्रासाऊंड मशीनों से परीक्षणकराने की प्रणाली पर पाबंदी लगाने का सरकार का कोई विचारनहीं.नहीं.है क्योंकि इसका अन्य परीक्षणों के लिये इस्तेमाल कियाजाता है जो किसी रोगी की जान भी बचाता है
प्रमोद.सुरेश.रमेश1346वार्ता