शराब परोस सकती हैं महिलाएं: सुप्रीमकोर्ट
नई दिल्ली, 7 दिसंबरः उच्चतम न्यायालय ने महिलाओं के होटलों में शराब परोसने के काम को उचित ठहराते हुए आज इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा.
न्यायमूर्ति एस बी सिन्हा और न्यायमूर्ति एच एस बेदी की पीठ ने याची अनुज गर्ग की याचिका खारिज करते हुए यह फैसला दिया. गर्ग ने इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली आबकारी कानून के तहत महिलाओं के शराब परोसने के काम को सही ठहराया था.
अदालत ने यह भी व्यवस्था दी कि 21 और इससे अधिक आयु की महिलाओं को शराब परोसने के काम में लगाया जा सकता है. अदालत के अनुसार यह संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुरुप है जिसके तहत धर्म, जाति एवं लिंग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता.
गर्ग ने दिल्ली आबकारी कानून के तहत महिलाओं के शराब परोसने के काम को उचित ठहराए जाने को यह कह कर चुनौती दी थी कि यह क्षेत्र महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है क्योंकि शराब के नशे में लोग उन पर फब्तियां कस सकते हैं अथवा उनके साथ दुव्र्यवहार कर सकते हैं.