संसद. छमाही समीक्षा दो अंतिम लोस.रास
पये की मजबूती और निर्यात पर समीक्षा में कहा गया है कि इसका दीर्घकालिक निदान उत्पादकता और प्रतिस्पर्धी बढाने में निहित है1 समीक्षा के मुताबिक पये की मजबूती को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखने की जरत है1 इससे जहां एक तरफ कुछ क्षेत्रों में निर्यात प्रभावित हुआ और रोजगार के अवसर घटे हैं तो दूसरी तरफ आयात सस्ता भी हुआ है1 सरकार ने प्रभावित निर्यातकों की मदद के लिये कई उपाय किये हैं
विदेशी पूंजी की बहुतायत पर इसमें कहा गया है कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में विशेष नीतिगत उपाय करने होंगे1 विदेशी मुद्रा की बहुतायत को आने वाले दिनों में इसे मुख्य चुनौती बताया गया है1 इसमें कहा गया है कि पूंजी खाते में नियमों को उदार बनाने से यह समस्या खडी होती है. इसका सक्रियता के साथ प्रबंधन किया जाना जरी है1 अमरीका और अन्य विकसित देशों की तुलना में यहां की ऊंची ब्याज दरें और अनुकूल आर्थिक कारणों को देखते हुये पूंजी प्रवाह और बढने की आशंका इसमें व्यक्त की गई है
कृष िक्षेत्र में उत्पादन बढाने पर जोर देते हुये समीक्षा में कहा गया है कि कृष िउत्पादन बढाने के लिये दीर्घकालिक नीति तैयार की जानी चाहिये1 कृष िआय बढाने के लिये चार बातों पर जोर दिया गया है1 उत्पादकता. विपणन तंत्र. जोखिम प्रबंधन और मूल्य वर्धन1 मूल्य वर्धन के मामले में गैर..फसली कृष िऔर संबंधित गतिविधियों को भी शामिल किया गया है1 सिंचाई सुविधायें बढाने और बंजर भूमि को कृष ियोग्य बनाने पर जोर दिया गया है1 उत्पादकता बढाने पर विशेष ध्यान देने की जरत बताई गई है जबकि उर्वरक. अच्छी किस्म के बीच. संस्थागत रिण तथा उपभोक्ता और बाजार से सीधा संपर्क स्थापित करना अहम बताया गया है
महाबीर कैलाश वीरेन्द्र1746 वार्ता