इन्हीं तथ्यों के मद्देनजर वर्ष 2003.04 में ड्रग्स उत्पादन क्षमता
बढाने के ध्येय से एनडीपीएस एक्ट में संशोधन कर निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी लाइसेंस देने के प्रावधान किये गये थे1लेकिन इस दिशामें कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका
गत वर्ष विक्रय मूल्यों में कमी के बावजूद अफ्ीम के निर्यात में वृद्धि नहीं हुई तो केन्द्रीय राजस्व विभाग ने निर्यात पर जोर देने केबजाय देश मे ही ड्रग्स उत्पादन में वृद्धि करने की नीति पर अमल करतेहुए आजादी के बाद पहली बार निजी क्षेत्र की कंपनियों को अफ्ीमसे ड्रग्स निर्माण के लिए लाइसेंस जारी करने का निर्णय किया और शतोका निर्धारण कर गत वर्ष 30 अगस्त तक लाइसेंस के लिए इच्छुककंपनियों से आवेदन आमंत्रित किये थे
श्री सक्सेना ने बताया कि 16 कपंनियोंने आवेदन किया था्परीक्षण के बाद केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने डॉ रेड्डीज लैबोरेटीज और इमेलिन बायोटेक कम्पनी को तकनीकी आधारों पर लाइसेंस के लिए पात्र घोषति किया है
प्रारम्भिक तौर पर चयनित प्रत्येक कंपनी को 100 टन अफ्ीम प्रोसेस कर लगभग 10.10 टन कोडिन फ्ास्फ्ेट एवं अन्य ड्रग्स उत्पादनकी अनुमति दी जायेगी और भविष्य में मांग के अनुरूप इसे बढाया भी जा सकेगा1श्री सक्सेना ने बताया कि चयनित कम्पनियों को तीन वर्ष की अवधि में अपना प्लांट स्थापित कर अफ्ीम से ड्रग्स उत्पादन शुरूकरना होगा
सं.श्रवण.कैलाश प्रेम .1744वार्ता