मार्केटिंग से बिकती हैं फिल्में:पल्लवी
भोपाल, 5 दिसंबरः छोटे पर्दे की जानी मानी अभिनेत्री पल्लवी जोशी का मानना है कि आज के दौर में फिल्में किसी उत्पाद की तरह हो गयी हैं और गुणवत्ता के बजाए वह आक्रामक मार्केटिंग के जरिए बाजार में बेची जाती हैं.
जोशी
ने कहा
कि
इन
दिनों
फिल्में
रचनात्मकता
से
दूर
हो
चली
हैं
और
वह
दर्शकों
पर
किसी
लुभावने
उत्पाद
की
तरह
आक्रामक
मार्केटिंग
के
जरिए
थोपी
जाती
हैं.
उन्होंने
कहा
कि
फिल्म
निर्माता
इसके
लिए
मीडिया
को
एक
हथियार
की
तरह
इस्तेमाल
करते
हैं
और
इसी
तरह
कयी
बार
खराब
गुणवत्ता
वाली
फिल्में
भी
ब्लाक
बस्टर
की
श्रेणी
में
आ
जाती
हैं.
अपने पति और फिल्म निर्देशक (हालिया रिलीज दन दनादन गोल) विवेक अग्निहोत्री के साथ ससुराल भोपाल आयी जोशी ने कहा कि छोटे पर्दे पर भी इसी तरह मार्केटिंग का बढ़ चढ़ कर इस्तेमाल किया जा रहा है.
फिल्म जगत के अनेक नामचीन निर्देशकों श्याम बेनेगल, गोविंद निहलानी, हृषिकेश मुखर्जी, अमोल पालेकर, सुधीर मिश्रा, सुभाष घई और नाबेंदु घोष के साथ काम कर चुकी जोशी मानती हैं कि फिल्म जगत में किस्मत आजमाने के लिए आने वाले अधिकांश लोग इसके पहले उचित प्रशिक्षण और खुद को तराशने की जहमत नहीं उठाते हैं.
ऐसे व्यक्तियों को उनकी सलाह है कि फिल्म की रूपहली दुनिया में कदम रखने के पूर्व पहले खुद पर खासी मेहनत की जाए और उसके बाद ही भाग्य आजमाएं.